कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर चर्चाओं में हैं, लेकिन इस बार उनकी मां सोनिया गांधी के प्रति उनके कथित व्यवहार को लेकर। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि उन्होंने (राणे ने) खुद अपने पिता, पूर्व गोवा मुख्यमंत्री प्रताप सिंह राणे की मौजूदगी में राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गांधी पर चिल्लाते हुए देखा था। इस बयान ने राजनीतिक महकमे में नई बहस छेड़ दी है।
**एक प्रत्यक्षदर्शी का दावा**
विश्वजीत राणे ने एक पॉडकास्ट में इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मेरे पिता प्रताप सिंह राणे उस वक्त मौजूद थे जब राहुल गांधी अपनी मां, जिन्हें वे ‘मैडम’ कहते थे, पर गुस्सा हो रहे थे और चिल्ला रहे थे।” राणे ने इस बात पर जोर दिया कि यह उनके पिता के लिए भी एक चौंकाने वाला अनुभव था।
**पूर्व CM की हैरानी**
राणे के अनुसार, उनके पिता प्रताप सिंह राणे, जो कांग्रेस के एक कद्दावर नेता रहे थे, ने घर लौटने पर हैरानी जताते हुए कहा था, “मुझे समझ नहीं आता कि इस लड़के (राहुल गांधी) को क्या हो गया है। इसके पास तमीज नहीं है। मैंने पहली बार देखा कि कोई अपनी मां पर ऐसे चिल्लाता है।”
**निजी और सार्वजनिक व्यवहार में अंतर**
जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी सार्वजनिक मंचों पर तो अपनी मां का बहुत सम्मान करते दिखते हैं, तो विश्वजीत राणे ने कहा, “यह सब सार्वजनिक दिखावा है। घर पर उनका व्यवहार बिल्कुल अलग होता है। सार्वजनिक रूप से सम्मान दिखाना और घर पर सचमुच सम्मान करना, ये दो अलग-अलग बातें हैं।”
**’देश माँ’ के सम्मान पर सवाल**
कांग्रेस से भाजपा में आए विश्वजीत राणे ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति अपनी माँ का ही सम्मान नहीं कर सकता, वह ‘देश माँ’ का सम्मान क्या करेगा? यह हमारे संस्कार नहीं हैं कि हम बुजुर्गों पर चिल्लाएं।” राणे का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर उनकी मां के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया था।
**राजनीतिक वार-पलटवार**
यह आरोप-प्रत्यारोप ऐसे समय में सामने आया है जब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद राहुल गांधी और कांग्रेस पर उनकी दिवंगत मां, हीराबेन मोदी, के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी का आरोप लगाया था। बिहार में एक यात्रा के दौरान कुछ लोगों द्वारा पीएम मोदी की मां के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों ने इस विवाद को हवा दी थी। राणे के इस बयान ने व्यक्तिगत आचरण और पारिवारिक मूल्यों के इर्द-गिर्द घूमती राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है।
