नई दिल्ली: इजराइल वेपन इंडस्ट्रीज (IWI) द्वारा विकसित ‘ARBEL’ प्रणाली भारतीय सेना के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। यह उन्नत तकनीक साधारण राइफलों को कंप्यूटर-सहायता प्राप्त, अत्यंत सटीक हथियारों में बदल देती है, जिससे सैनिकों की युद्ध क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
‘ARBEL’ सिस्टम को दुनिया की पहली पूर्णतः कंप्यूटर-नियंत्रित छोटी हथियार प्रणाली के रूप में सराहा जा रहा है। यह एक बार राइफल या मशीन गन पर लग जाने के बाद, पहली गोली के बाद स्वचालित रूप से सटीक अंतराल पर अगली गोलियां दागने में सक्षम है। यह ऑपरेटर के हिलने-डुलने के तरीके का पता लगाकर फायरिंग की सबसे सटीक दर तय करता है।
लगभग नौ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद विकसित, ‘ARBEL’ प्रणाली को AR-15-जैसे राइफलों और हल्के मशीन गनों में आसानी से फिट किया जा सकता है। यह उन्नत एल्गोरिथम के माध्यम से ऑपरेटर के ट्रिगर दबाने के तरीके को समझता है, जिससे यह तय होता है कि गोली लक्ष्य पर लगी है या नहीं, और तुरंत ही सटीकता के साथ अगली गोलियां चलाता है।
इस प्रणाली का डिज़ाइन कॉम्पैक्ट और मॉड्यूलर है, जिसमें एक माइक्रोप्रोसेसर, मोशन सेंसर, ट्रिगर सेंसर, कंट्रोल यूनिट और एक रिचार्जेबल बैटरी शामिल है जिसे फील्ड में आसानी से बदला जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे मौजूदा हथियारों पर ही लगाया जा सकता है, जिससे नए हथियार खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती।
IWI के प्रमुख उत्पाद अधिकारी ने बताया कि ‘ARBEL’ की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से सैनिक की नजर पर निर्भर करता है। सैनिक खुद लक्ष्य चुनता है, किसी भी बाहरी ऑप्टिकल सेंसर पर निर्भर नहीं रहता, जो खराब मौसम में फेल हो सकते हैं। यह प्रणाली किसी भी तरह से हथियार के इस्तेमाल में बाधा नहीं डालती, जो तेज गति वाले युद्ध परिदृश्यों में बेहद अहम है।
**ड्रोन का मुकाबला करने में माहिर**
सटीकता बढ़ाने के अलावा, ‘ARBEL’ अब छोटे ड्रोनों (UAVs) को निष्क्रिय करने के लिए एक प्रभावी हथियार के रूप में भी सामने आया है। यह तेज गति वाले सेंसर और विशेष फायरिंग तकनीक का उपयोग करके ड्रोन का तेजी से पता लगाता है और उन्हें मार गिराता है।
लगभग 400 ग्राम वजन वाला यह उपकरण सैनिकों को बड़े और भारी एंटी-ड्रोन उपकरणों के बजाय एक हल्का और पोर्टेबल समाधान प्रदान करता है।
IWI के CEO शुकी श् newValueज़ ने संकेत दिया है कि कंपनी भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के साथ ‘ARBEL’ की आपूर्ति को लेकर बातचीत कर रही है। यदि यह सौदा सफल होता है, तो ‘ARBEL’ को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत में ही निर्मित किया जाएगा और भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।
भारत के लिए यह तकनीक बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, खासकर सीमा पर बढ़ती ड्रोन गतिविधियों को देखते हुए। ‘ARBEL’ जैसे सिस्टम न केवल अग्रिम पंक्ति पर तत्काल प्रतिक्रिया देने में मदद करेंगे, बल्कि समर्पित एंटी-ड्रोन इकाइयों की आवश्यकता को भी कम कर सकते हैं, जिससे सैनिकों की समग्र परिचालन क्षमता बढ़ेगी।
