प्रमुख घरेलू एयरलाइन इंडिगो में लगातार तीसरे दिन उड़ानों का भारी रद्दीकरण जारी है, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है। गुरुवार को, एयरलाइन ने 180 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, जिसका मुख्य कारण पायलटों के लिए नई उड़ान ड्यूटी और आराम अवधि (FDTL) नियमों का लागू होना बताया जा रहा है। इससे एयरलाइन में चालक दल की गंभीर कमी पैदा हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, मुंबई हवाई अड्डे पर 86 उड़ानें, बेंगलुरु में 73 और दिल्ली में 33 उड़ानें रद्द की गईं। इससे पूरे देश में इंडिगो के संचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। एयरलाइन ने अपनी ऑन-टाइम परफॉरमेंस में भारी गिरावट दर्ज की है। 3 दिसंबर को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर यह घटकर केवल 19.7% रह गई।
इंडिगो ने एक बयान जारी कर कहा है कि कई अप्रत्याशित परिचालन चुनौतियों, जैसे कि छोटी-मोटी तकनीकी समस्याएं, सर्दियों के कारण शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम और हवाई यातायात की भीड़ के साथ-साथ FDTL नियमों के कार्यान्वयन ने मिलकर परिचालन को प्रभावित किया है। एयरलाइन ने आश्वासन दिया है कि वह समस्या को हल करने के लिए “कैलिब्रेटेड समायोजन” कर रही है और अगले 48 घंटों में संचालन को सामान्य करने का लक्ष्य रखा है। प्रभावित यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था या रिफंड की सुविधा प्रदान की जा रही है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इंडिगो से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। DGCA ने एयरलाइन प्रबंधन के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया और समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं।
पायलटों के संगठन ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स’ ने DGCA से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि एयरलाइनों के पास नए FDTL नियमों का पालन करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी हों। संगठन ने यह भी मांग की है कि अगर इंडिगो अपनी उड़ानों को संचालित करने में असमर्थ रहती है, तो उसके उड़ान स्लॉट अन्य एयरलाइनों को सौंप दिए जाएं, खासकर पीक सीजन में।
