नई दिल्ली ने पाकिस्तान के मीडिया द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का पुरजोर खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने श्रीलंका के लिए राहत सामग्री ले जा रहे पाकिस्तानी विमान को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी। भारतीय अधिकारियों ने इन रिपोर्टों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान के ओवरफ्लाइट अनुरोध पर असाधारण तेजी से कार्रवाई की गई और मंजूरी प्रदान की गई।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से भारतीय हवाई क्षेत्र के उपयोग के लिए सोमवार दोपहर लगभग 1 बजे (आईएसटी) एक तत्काल अनुरोध प्राप्त हुआ, जिसमें उसी दिन की मंजूरी मांगी गई थी। श्रीलंका में चक्रवात से हुई तबाही को देखते हुए, भारत ने इस मानवीय सहायता मिशन को प्राथमिकता दी। अधिकारियों ने पुष्टि की कि अनुरोध प्राप्त होने के महज चार घंटे के भीतर, शाम 5:30 बजे (आईएसटी) तक, पाकिस्तानी पक्ष को उड़ान की मंजूरी के बारे में सूचित कर दिया गया था।
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को मानवीय दृष्टिकोण से देखा, जबकि पाकिस्तान ने पहले भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। एक अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान का मीडिया अक्सर निराधार प्रचार करता है। ये दावे पूरी तरह से गलत हैं। किसी भी हवाई क्षेत्र के उपयोग के अनुरोधों को अंतरराष्ट्रीय नियमों और प्रक्रियाओं के तहत ही निपटाया जाता है।”
श्रीलंका वर्तमान में ‘डिटवाह’ नामक चक्रवात के कारण आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से गंभीर रूप से प्रभावित है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई है। भारत, ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत, श्रीलंका को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। 28 नवंबर से, भारत ने हवाई और समुद्री मार्ग से 53 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी है। इसके अतिरिक्त, भारत ने चक्रवात प्रभावित द्वीप से 2,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित वापस निकाला है। भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें श्रीलंका के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान चला रही हैं, और अब तक 150 से अधिक लोगों को बचाया और सहायता प्रदान की गई है।
