उत्तराखंड के देहरादून में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों के खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के तहत पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। पुलिस ने एक ऐसी बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है जो भारतीय पहचान छिपाकर, जाली दस्तावेजों के सहारे ‘भूमि शर्मा’ नाम से रह रही थी।
गिरफ्तार महिला, बाबली बेगम, बांग्लादेश के गायबांदा की रहने वाली है। उसने स्वीकार किया है कि वह 2020 में भारत आई थी और 2021 से देहरादून में किराए के मकान में रह रही थी। 2022 में उसने एक स्थानीय व्यक्ति से शादी की और उसके बाद उसने ‘भूमि शर्मा’ के नाम पर फर्जी आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे पहचान पत्र हासिल कर लिए। यह सब उसने भारत में अवैध रूप से रहने और सामाजिक योजनाओं का लाभ उठाने के इरादे से किया था।
पुलिस ने तलाशी के दौरान महिला के पास से ‘भूमि शर्मा’ के नाम पर जारी किए गए कई नकली भारतीय दस्तावेज और उसके असली नाम बाबली बेगम के बांग्लादेशी पहचान पत्र को बरामद किया है। महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि उसे ये फर्जी दस्तावेज किसने और कैसे उपलब्ध कराए।
इसी क्रम में, पटेल नगर से एक अन्य संदिग्ध बांग्लादेशी महिला, बॉबी खातून को भी हिरासत में लिया गया है। बॉबी खातून ने बताया कि वह 2023 में अवैध रूप से भारत आई थी और तब से देहरादून में दिहाड़ी मजदूरी कर अपना गुजारा कर रही थी। उसके पास से उसके बांग्लादेशी पासपोर्ट की फोटोकॉपी मिली है। बॉबी खातून को भी अवैध रूप से रहने के आरोप में बांग्लादेश निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ऑपरेशन कालनेमी के तहत अब तक 17 विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई हो चुकी है, जिनमें से आठ को जेल भेजा गया है और नौ को देश निर्वासित किया गया है।
