भारत निकट भविष्य में अपने शक्तिशाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के निर्यात के लिए लगभग 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर के रक्षा सौदों को अंतिम रूप देने की तैयारी में है। यह महत्वपूर्ण कदम भारत के रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है।
भारत के DRDO और रूस के संयुक्त तत्वावधान में विकसित ब्रह्मोस मिसाइल ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में अपनी असाधारण क्षमता का प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन के दौरान, मिसाइलों ने पाकिस्तानी वायु अड्डों को निशाना बनाया और उन्हें प्रभावी ढंग से निष्क्रिय कर दिया, जिससे उनकी विनाशकारी शक्ति स्पष्ट हुई।
रक्षा क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक, “450 मिलियन डॉलर मूल्य के ये अनुबंध अंतिम चरण में हैं और जल्द ही इनके हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इसके बाद कई अन्य देशों से भी इन मिसाइलों के लिए मांग बढ़ने की संभावना है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर इनकी काफी चर्चा है।”
हाल ही में दुबई एयर शो में ब्रह्मोस मिसाइल के प्रदर्शन ने अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को काफी आकर्षित किया। इसने भारत को एक प्रमुख मिसाइल प्रौद्योगिकी निर्यातक के रूप में स्थापित करने में मदद की है।
पाकिस्तान के खिलाफ अपनी सफलता के बाद, भारत सरकार ने नौसेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद को हरी झंडी दे दी है। साथ ही, वायु सेना के लिए भी इसके विभिन्न संस्करणों को शामिल किया जा रहा है। नौसेना अपनी वीर-क्लास युद्धपोतों को इस मिसाइल से लैस करेगी, वहीं वायु सेना इसे अपने Su-30 MKI लड़ाकू विमानों के साथ एकीकृत करेगी।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, ब्रह्मोस मिसाइलों ने भारतीय वायु सेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हुई। इसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों से पाकिस्तानी वायु अड्डों को गंभीर क्षति पहुंची, जिसके चलते पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी हथियारों की बढ़ती क्षमता पर जोर देते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को भारतीय हथियारों की काबिलियत दिखाई। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइलें और ड्रोन ‘आत्मनिर्भर भारत’ की शक्ति के प्रतीक हैं, जिनमें ब्रह्मोस मिसाइलें सबसे प्रमुख हैं।”
ब्रह्मोस के युद्धक्षेत्र में सफल उपयोग ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाया है, बल्कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत के लिए बड़े रक्षा निर्यात सौदों की शुरुआत हो सकती है, जो देश को वैश्विक मिसाइल उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएगा।
