नई दिल्ली: गुरुवार को दिल्ली की हवा बेहद खराब स्थिति में पहुँच गई। सुबह 9 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 399 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी धुंध और ज़हरीली हवा की गिरफ्त में है, जिससे लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतें हो रही हैं।
बुधवार को भीAQI 392 के आसपास बना हुआ था, और गुरुवार को हालात में कोई खास सुधार नहीं देखा गया। शहर के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर दृश्यता काफी कम हो गई है। इंडिया गेट जैसे इलाकों में AQI 400 पार कर गया, जो ‘बहुत खराब’ प्रदूषण स्तर को दर्शाता है।
हालांकि, कुछ क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। अक्षरधाम और धौला कुआं जैसे इलाकों में AQI क्रमशः 420 और 423 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी की ओर इशारा करता है। ITO भी 400 के AQI के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि मोती बाग और पंजाबी बाग जैसे इलाकों में सुबह के समय AQI 439 तक पहुँच गया, जो सीधे ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
CPCB के मानकों के अनुसार, 401 से 500 के बीच AQI को ‘गंभीर’ माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है। 301 से 400 तक का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
अन्य बड़े शहरों की तुलना में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब है। सुबह 9 बजे, अहमदाबाद का AQI 178, बेंगलुरु का 79, चेन्नई का 90, जयपुर का 230, हैदराबाद का 119, पटना का 134, पुणे का 182, लखनऊ का 204, और मुंबई का 145 था।
दिल्ली के निवासी इस वायु प्रदूषण से बहुत परेशान हैं। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “यह समस्या वर्षों से है और इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकल रहा है। सरकार को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और हर साल लाखों पेड़ लगाने चाहिए।” उन्होंने पराली जलाने और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों में बच्चों के लिए बाहरी खेल गतिविधियों पर रोक लगाने का सुझाव दिया है। अदालत का मानना है कि नवंबर से जनवरी तक के समय में बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के कारण प्रभावित हुए निर्माण श्रमिकों के लिए निर्वाह भत्ते का आदेश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने और नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि वायु प्रदूषण से जुड़े मामले अब हर महीने सुने जाएंगे।
दिल्ली में बिगड़ती हवा की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, 11 नवंबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) III लागू किया गया है। इसके तहत निर्माण कार्यों, भारी वाहनों के आवागमन और औद्योगिक गतिविधियों पर विशेष प्रतिबंध लगाए गए हैं।
