बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियां जोरों पर हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को सातवीं बार (पांचवें कार्यकाल) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित होने वाले इस समारोह के लिए भव्य इंतज़ाम किए जा रहे हैं। इस बीच, सत्ताधारी गठबंधन में शामिल जनता दल (युनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के बीच मंत्रालयों के बँटवारे और विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर बातचीत का दौर चल रहा है।
गुरुवार को होने वाले इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के वरिष्ठ नेता शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगमन की संभावना है। इनके अलावा, कई केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह बुधवार शाम तक पटना पहुंच जाएंगे, जिससे अंतिम निर्णय लेने में आसानी होगी।
हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को भारी बहुमत मिला है। 243 सदस्यीय सदन में एनडीए ने 202 सीटें हासिल की हैं, जिसमें भाजपा ने 89, जद(यू) ने 85, लोजपा (रामविलास) ने 19, हम (एस) ने पांच और रालोमो ने चार सीटें जीती हैं।
मंत्रिमंडल के विभागों का बँटवारा अभी भी चर्चा का एक प्रमुख बिंदु बना हुआ है। जद(यू) और भाजपा दोनों ही इस मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रही हैं, लेकिन अंदरखाने में कड़े विचार-विमर्श जारी हैं। मंगलवार को दिल्ली में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मिलकर संभावित विभागों के बंटवारे पर गहन चर्चा की।
बिहार की विधानसभा में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। यह संख्या विधानसभा की कुल सीटों का 15% है। गृह मंत्रालय का पद इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में है। पिछले सरकार में यह विभाग जद(यू) के पास था, लेकिन अब भाजपा इसे अपने कब्जे में लेना चाहती है। इसी प्रकार, शिक्षा मंत्रालय, जो पहले जद(यू) के पास था, वह भी एक विवादित विषय बना हुआ है।
विधानसभा अध्यक्ष का पद भी अभी तय नहीं हुआ है। भाजपा की ओर से प्रेम कुमार को अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं हैं, जबकि जद(यू) विजय चौधरी के नाम पर जोर दे रही है। पिछली सरकार में भाजपा के नंद किशोर यादव अध्यक्ष थे और जद(यू) के नरेंद्र नारायण यादव उप-अध्यक्ष की भूमिका में थे।
मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले चेहरों के बँटवारे को लेकर पार्टी सूत्रों के अनुसार, हर छह विधायकों पर एक मंत्री का अनुपात लगभग तय माना जा रहा है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) जैसी छोटी पार्टियों को एक-एक मंत्री पद मिलने की संभावना है। लोजपा (रामविलास) को तीन पद मिल सकते हैं। इससे भाजपा और जद(यू) के बीच लगभग 30-31 मंत्रालयों का बँटवारा होना है, जिस पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया है कि बड़े नीतिगत मुद्दों पर सहमति बन चुकी है और अब सब कुछ गुरुवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से पहले मंत्रालयों के आवंटन को अंतिम रूप देने पर टिका है, जिसके बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना पांचवां कार्यकाल शुरू करेंगे।
