पश्चिमी घाट के शांत आंचल में बसा कूर्ग, जिसे कोडगू के नाम से भी जाना जाता है, भारत की एक ऐसी जादुई हिल स्टेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी संस्कृति के कारण ‘भारत का स्कॉटलैंड’ कहलाई जाती है। यह उपनाम इसे ब्रिटिश काल में मिला था, जब उन्होंने यहाँ के घुमावदार पहाड़, घने जंगल और ठंडी हवा को स्कॉटलैंड की यादों से जोड़ा था। यह जगह सिर्फ देखने में ही खूबसूरत नहीं है, बल्कि यह कॉफी के विशाल बागानों, अनमोल जैव विविधता और कावेरी नदी के उद्गम के लिए भी जानी जाती है।
भारत विविधताओं से भरा देश है, जहाँ हर कोने में एक नया अनुभव आपका इंतजार करता है। कूर्ग उनमें से एक है, जहाँ की हरियाली और शांत वातावरण आपको स्कॉटलैंड की याद दिलाता है। यहाँ की हवा में कॉफी की भीनी खुशबू घुली रहती है और चारों ओर फैली धुंध एक रहस्यमयी माहौल बनाती है। मदिकेरी, कूर्ग का मुख्य शहर, कॉफी उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और इसे ‘कॉफी बाउल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है।
यह खूबसूरत हिल स्टेशन पश्चिमी घाट के उस हिस्से में है जो दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट में गिना जाता है। यहाँ पौधों और जानवरों की कई ऐसी प्रजातियाँ पाई जाती हैं जो कहीं और दुर्लभ हैं। साथ ही, ब्रह्मगिरि की पहाड़ियों में स्थित तलकावेरी वह पवित्र स्थान है जहाँ से भारत की प्रमुख नदियों में से एक, कावेरी, अपना सफर शुरू करती है।
कूर्ग की एक खास पहचान यहाँ के लोग, कोडवा समुदाय भी हैं। वे अपनी बहादुरी और युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। एक अनूठी परंपरा के अनुसार, कोडवा पुरुषों को भारत में बंदूक रखने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती। उनकी पारंपरिक वेशभूषा भी काफी अलग और आकर्षक होती है।
कूर्ग के कॉफी बागानों की खासियत यह है कि यहाँ की भौगोलिक स्थिति और छायादार खेती के कारण कॉफी के दाने धीरे-धीरे पकते हैं। इससे कॉफी का स्वाद और सुगंध बहुत बढ़ जाता है। यहाँ की मिट्टी, जो खास तरह की लेटेराइट मिट्टी है, कॉफी और इलायची जैसी फसलों के लिए बहुत उपजाऊ है।
कूर्ग का मौसम भी काफी अनूठा है। यहाँ की उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु गर्मियों में खूब बारिश लाती है, जो यहाँ के हरे-भरे जंगलों और कॉफी के खेतों के लिए जीवनदायिनी है। विरजापेट, जो कभी एशिया में शहद उत्पादन का एक बड़ा केंद्र था, भी इसी क्षेत्र में आता है।
कूर्ग की सांस्कृतिक विविधता भी देखने लायक है। यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी तिब्बती बस्ती, बायलकुप्पे का घर है, जहाँ का नामड्रोलिंग मठ (गोल्डन टेंपल) बेहद प्रसिद्ध है। प्रकृति प्रेमियों के लिए, तडिआंडमोल चोटी (1,748 मीटर) ट्रेकिंग का एक शानदार अनुभव प्रदान करती है।
कूर्ग सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी अनूठी संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और पारिस्थितिक संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह भारत का वह अनमोल कोना है जो अपने ‘स्कॉटलैंड’ वाले उपनाम को हर मायने में सही साबित करता है।
