नई दिल्ली: हाबनोस कैवेलरी गोल्ड कप 2025 का खिताबी मुकाबला रविवार को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित जयपुर पोलो ग्राउंड में समाप्त हुआ। इस रोमांचक फाइनल में, ऑप्टिमेस अचीवर्स ने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम जिंदल पैंथर्स को कांटे की टक्कर देते हुए 8-7 से परास्त कर पोलो का यह बहुप्रतीक्षित खिताब जीत लिया। इस बहु-दिवसीय पोलो टूर्नामेंट का आयोजन 11 नवंबर को शुरू हुआ था, और इसके फाइनल समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय थल सेनाध्यक्ष (COAS) तथा भारतीय पोलो एसोसिएशन (IPA) के अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी थे।
**मैच का रोमांच:**
ऑप्टिमेस अचीवर्स और जिंदल पैंथर्स के बीच खेला गया यह फाइनल मुकाबला बेहद कड़ा रहा। पहले चक्र की समाप्ति पर ऑप्टिमेस अचीवर्स ने 2-1 की बढ़त बनाई। दूसरे चक्र में भी ऑप्टिमेस अचीवर्स का दबदबा कायम रहा और उन्होंने 3 गोल और किए, जबकि जिंदल पैंथर्स ने 2 गोल किए। हालांकि, तीसरे चक्र में दोनों ही टीमें गोल नहीं कर पाईं। खेल के अंतिम क्षणों में जिंदल पैंथर्स ने जबरदस्त वापसी करते हुए 4 गोल दागे, जिससे स्कोर 7-7 की बराबरी पर आ गया। खेल को निर्णायक बनाने के लिए इसे अतिरिक्त समय में ले जाया गया, जहां ऑप्टिमेस अचीवर्स के स्टार खिलाड़ी शमशीर अली ने विजयी गोल दागकर अपनी टीम को 8-7 से जीत दिला दी।
**टीमों में कौन-कौन थे?**
ऑप्टिमेस अचीवर्स की टीम में राष्ट्रीय पोलो खिलाड़ी हुर्र अली के साथ गनर उदय कुमार यादव, शमशीर अली और डैनियल ओटामेंडी शामिल थे। दूसरी ओर, जिंदल पैंथर्स का नेतृत्व लोकसभा सदस्य नवीन जिंदल कर रहे थे। टीम के अन्य सदस्यों में महेश शर्मा, जौन अगस्टिन जी ग्रासी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सिमरन सिंह शेरगिल शामिल थे।
**पोलो खेल की कुछ खास बातें:**
पोलो, जिसे ‘घोड़ों का खेल’ भी कहा जाता है, चार अवधियों में खेला जाता है जिन्हें ‘चक्र’ कहते हैं। प्रत्येक चक्र की अवधि सात मिनट होती है। खेल के नियमों के अनुसार, यदि कोई खिलाड़ी फाउल करता है तो खेल जारी रहता है, लेकिन यदि घोड़े से फाउल होता है तो खेल तुरंत रुक जाता है। पोलो अपनी अनूठी विशेषता के लिए भी जाना जाता है, जहां पुरुष और महिला खिलाड़ी एक ही मैदान पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
