बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आज घोषित होने वाले हैं, और राज्य का राजनीतिक भविष्य तय होगा। मुख्य मुकाबला सत्ताधारी NDA और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच है, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की उम्मीद कर रही है। इस बार के चुनाव में रिकॉर्ड मतदान हुआ है, जिसने नतीजों को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है।
चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार 67.13% मतदान हुआ, जो पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ है। महिलाओं ने भी भारी संख्या में वोट डाला, जो राजनीतिक विश्लेषकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। 14 नवंबर को सुबह 8 बजे से शुरू होने वाली मतगणना के साथ, बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों के भाग्य का फैसला होगा।
अधिकांश एग्जिट पोल NDA के पक्ष में रुझान दिखा रहे हैं, लेकिन रिकॉर्ड मतदान को देखते हुए किसी भी तरह के उलटफेर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। 122 सीटों का बहुमत आंकड़ा हासिल करने के लिए NDA और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है।
NDA में भाजपा, जद(यू), लोजपा (राम विलास), हम (सेक्युलर) और रालोसपा शामिल हैं। वहीं, महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी पार्टी प्रमुख हैं। दोनों ही गठबंधनों ने अपने-अपने विकास और सामाजिक न्याय के एजेंडे को जनता के सामने रखा है।
NDA के नेताओं ने विकास के कामों और सुशासन पर जोर दिया है, जबकि महागठबंधन ने बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों को उठाया है। भाजपा नेताओं का दावा है कि वे भारी बहुमत से जीतेंगे और बिहार में एक बार फिर अच्छी सरकार देंगे।
दूसरी ओर, महागठबंधन ने आत्मविश्वास जताया है कि वे जनता के समर्थन से सत्ता में आएंगे। तेजस्वी यादव ने मतगणना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के खिलाफ चेतावनी दी है। राजद नेता सुनील सिंह के विवादास्पद बयान ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है, जिसके बाद उन पर कार्रवाई भी की गई है।
विभिन्न दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। भाजपा और जद(यू) के नेताओं ने महागठबंधन पर सत्ता का मोह और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है, जबकि महागठबंधन ने सत्ता के दुरुपयोग और जनादेश को पलटने की आशंका जताई है।
2020 के विधानसभा चुनावों में NDA ने 125 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। इस बार के चुनाव में जन सुराज पार्टी की एंट्री ने समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है, और यह देखना बाकी है कि वह कितने सीटों पर जीत हासिल कर पाती है।
मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन भी किया जाएगा ताकि चुनाव परिणामों की सटीकता सुनिश्चित हो सके। बिहार की जनता ने इस बार विकास, रोजगार और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर मतदान किया है, और आज सभी की निगाहें नतीजों पर टिकी हैं।
