दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण विस्फोट के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। भूटान की अपनी दो दिवसीय यात्रा से लौटते ही प्रधानमंत्री सीधे अस्पताल पहुंचे और उन्होंने वहां भर्ती सभी घायलों का हालचाल जाना।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक घायल व्यक्ति से व्यक्तिगत रूप से बात की, उनकी चोटों और उपचार के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ईश्वर से सभी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री को अस्पताल के डॉक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों ने घायलों की चिकित्सीय स्थिति और उन्हें दी जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान, प्रधानमंत्री ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सरकारी मदद का भरोसा भी दिलाया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी घायलों की व्यथा सुनकर भावुक हो गए। उन्होंने पीड़ितों को ढांढस बंधाया और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
यह विस्फोट सोमवार शाम को तब हुआ जब लाल किला के पास एक कार में अचानक भीषण आग लग गई और देखते ही देखते बड़ा धमाका हो गया। इस हमले में कम से कम आठ लोगों की दुखद मृत्यु हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचा और कई इमारतों के शीशे टूट गए।
विस्फोट के बाद की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पीड़ितों को धमाके की लहर से सिर पर गंभीर चोटें, हड्डियां टूटने और आंतरिक अंग क्षतिग्रस्त होने जैसी भयंकर चोटें आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि धमाके की अत्यधिक तीव्रता के कारण कई लोगों के फेफड़े, कान के पर्दे और पेट के अंग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। घायलों के कपड़ों या शरीर पर किसी भी तरह के छर्रे नहीं पाए गए हैं, जिससे विस्फोटक के प्रकार को लेकर जांच जारी है।
घटना के संबंध में, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) द्वारा संदिग्ध कार के ड्राइवर, डॉ. उमर उन नबी की मां से डीएनए के नमूने लिए गए हैं।
वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस संभावित आतंकी हमले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन कर दिया है। शुरुआती खुफिया जानकारी के अनुसार, इस धमाके का संबंध जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल से हो सकता है। इस दल में उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हैं जो अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर मामले की तह तक जाएंगे।
गृह मंत्रालय (MHA) ने पहले ही इस घटना को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर मानते हुए इसकी जांच एनआईए को सौंप दी थी। प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (CCS) की एक महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे, जिसमें इस घटनाक्रम और अब तक की जांच पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
