दिल्ली में हाल ही में हुए कार धमाके की जांच में ऐसे खुलासे हुए हैं जो होश उड़ा देने वाले हैं। सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि यह धमाका गलती से हुआ, क्योंकि आतंकवादी अपने साथियों की गिरफ्तारी और फरीदाबाद मॉड्यूल के भंडाफोड़ से घबरा गए थे।
जांच से सामने आया है कि आतंकवादी दिल्ली में कई प्रमुख स्थानों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। इनमें सेना भवन, वायु सेना कार्यालय, बीजेपी कार्यालय और नई दिल्ली क्षेत्र में संसद मार्ग शामिल थे। इतना ही नहीं, उनके निशाने पर अयोध्या का राम मंदिर और वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल भी थे। दिल्ली आतंकी धमाके से जुड़े मामले में अब तक लगभग 1500 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
यह भी पता चला है कि मुख्य हमलावर, डॉ. उमर, के पास धमाके को बहुत शक्तिशाली बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं थी। लाल किले के पास हुआ धमाका संभवतः उसकी गलती का परिणाम था। जांचकर्ताओं को यह भी जानकारी मिली है कि आतंकवादियों ने पिछले दो वर्षों में बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट इकट्ठा किया था। दिल्ली धमाके के लिए इस्तेमाल किया गया विस्फोटक पिछले 30 दिनों में ही तैयार किया गया था।
गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन की चैट से विस्फोटक और धमाके के लिए कोडवर्ड का खुलासा हुआ है। उसने ‘दावत’ का इस्तेमाल धमाके के लिए और ‘बिरयानी’ का इस्तेमाल विस्फोटक के लिए किया था। उसकी एक चैट का अंश है, “दावत के लिए बिरयानी तैयार है।”
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। इस आतंकवादी हमले को जैश-ए-मोहम्मद के एक मॉड्यूल ने अंजाम दिया था, जिसे भारतीय एजेंसियों ने उजागर किया है।
एजेंसियों ने पुष्टि की है कि लाल किले के पास हुए धमाके का संबंध जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस पोस्ट के अधिकार क्षेत्र में पाए गए कुछ आपत्तिजनक पोस्टरों से है, जिसके संबंध में 19 अक्टूबर 2025 को एफआईआर दर्ज की गई थी। एनआईए शोपियां से गिरफ्तार मौलवी इरफान अहमद वाघे और गंदरबल से गिरफ्तार जमीर अहमद की भूमिका की भी जांच कर रही है। इसके अलावा, 5 नवंबर 2025 को सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. आदिल की भूमिका की भी जांच की जा रही है। 7 नवंबर 2025 को अनंतनाग अस्पताल से एक एके-56 राइफल और अन्य हथियार जब्त किए गए थे।
8 नवंबर 2025 को अल-फलाह मेडिकल कॉलेज से अतिरिक्त हथियार, पिस्तौल और विस्फोटक की बरामदगी के बाद जांच का दायरा बढ़ा। पूछताछ में मॉड्यूल से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी सामने आई, जिसके परिणामस्वरूप फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया। इस जानकारी के आधार पर, और भी गिरफ्तारियां हुईं और हथियारों व विस्फोटकों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया।
10 नवंबर को फरीदाबाद के धौज निवासी हाफिज मोहम्मद इश्तियाक, जो अल-फलाह मस्जिद के इमाम थे, के घर से 2563 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुआ। इसके साथ ही, 358 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर और टाइमर भी जब्त किए गए। कुल मिलाकर, इस मॉड्यूल से लगभग 3000 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ और बम बनाने के उपकरण मिले।
