पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने आज अपना 98वां जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर देश के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनके राजनीतिक योगदान और ‘राष्ट्र प्रथम’ के आदर्शों को याद किया। इसी वर्ष भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में आडवाणी को ‘दृष्टि संपन्न और बौद्धिक नेता’ बताते हुए कहा कि उन्होंने ‘निःस्वार्थ सेवा और सिद्धांतों’ के साथ भारत के विकास में अमिट योगदान दिया है। उन्होंने आडवाणी के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आडवाणी को ‘लाखों पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा’ बताते हुए कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ उनका एकमात्र लक्ष्य रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आडवाणी ने गृह मंत्री के रूप में भारत की सुरक्षा को मजबूत किया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आडवाणी के जीवन को ‘शुद्धता, नैतिकता और देशभक्ति का जीवंत उदाहरण’ बताया। उन्होंने पार्टी को देश भर में मजबूत करने और कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन में उनके समर्पण की प्रशंसा की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आडवाणी को ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से प्रेरित होकर देश की सेवा करने वाला ‘प्रेरणास्रोत’ बताया। उन्होंने उनके ‘सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण और संगठनात्मक कौशल’ को अनुकरणीय माना।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आडवाणी के जीवन को ‘ईमानदारी, अटूट विश्वास और राष्ट्र के लिए निःस्वार्थ सेवा’ का प्रतीक बताया। उन्होंने आडवाणी के नेतृत्व को भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को समृद्ध करने वाला बताया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आडवाणी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आडवाणी को ‘ईमानदारी और सेवा का प्रतीक’ बताते हुए भाजपा को मजबूत करने में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।
लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के एक ऐसे स्तम्भ रहे हैं जिन्होंने देश की राजनीति की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर 1980 में भाजपा की नींव रखने वाले आडवाणी ने 1990 में राम जन्मभूमि रथ यात्रा का नेतृत्व कर जनमानस को एकजुट किया। उनके राजनीतिक सफर में उप-प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करना भी शामिल है।
आडवाणी अपनी संगठनात्मक क्षमता, पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने की क्षमता और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने भाजपा को एक छोटे संगठन से देश की सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति बनने में मदद की।
