भारतीय वायु सेना (IAF) आगामी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक पूर्वोत्तर भारत में एक विशाल सैन्य अभ्यास का संचालन करेगी। इस युद्धाभ्यास में वायु सेना के आधुनिक लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम और अन्य रक्षा उपकरण अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
अभ्यास की अवधि के दौरान हवाई सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। इसलिए, IAF ने सभी विमानों के लिए एक ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी कर दिया है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में उड़ान भरने वाले सभी विमानों को सूचित करता है।
इस युद्धाभ्यास का मुख्य लक्ष्य भारत की उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वायु सेना की तत्परता और एकीकृत संचालन क्षमता का आकलन करना है। अभ्यास में राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, तेजस जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण हवाई संपत्ति भी शामिल होगी।
हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं को देखते हुए, यह अभ्यास विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। भारत अपने पड़ोसियों के साथ अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। यह युद्धाभ्यास भारत की मजबूत रक्षा तैयारियों का प्रमाण है।
