कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, खासकर हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, जिसके जवाब में चुनाव आयोग ने उन्हें सबूतों के साथ उच्च न्यायालय जाने की सलाह दी है।
नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने दो क्विंटल से अधिक कागज पेश करते हुए दावा किया कि हरियाणा में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में 25 लाख फर्जी मतदाताओं को शामिल करके धांधली की गई। उनके अनुसार, यह राज्य की कुल मतदाता संख्या का एक बड़ा हिस्सा है। उन्होंने यह भी बताया कि करीब 3.5 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए, जिनमें बड़ी संख्या में कांग्रेस के समर्थक थे। राहुल ने सूची में 19 लाख बल्क मतदाताओं, 5.21 लाख डुप्लिकेट नामों और 93 हजार अमान्य पतों का उल्लेख किया। उन्होंने एक चौंकाने वाला आरोप लगाया कि एक ब्राज़ीलियाई मॉडल की तस्वीर का इस्तेमाल कई वोटर आईडी में किया गया, जिसके जरिए 10 अलग-अलग मतदान केन्द्रों पर 22 बार वोट डाले गए।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक जांच रिपोर्ट ने राहुल गांधी के दावों की हकीकत बयां की। रिपोर्ट में हूडल, पलवल और सोनीपत के राई जैसे इलाकों में उन पतों की पड़ताल की गई, जिन्हें राहुल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उजागर किया था।
हूडल के गुडराना गांव में, जहां राहुल ने एक घर में 66 मतदाताओं के होने का दावा किया था, रिपोर्टरों ने पाया कि वह घर एक ही परिवार की चार पीढ़ियों का निवास स्थान है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वर्षों पहले उनके पिता द्वारा बसाए गए उसी स्थान पर उन्होंने अलग-अलग घर बनाए हैं। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वहां कोई फर्जी मतदान हुआ, क्योंकि सभी मतदाताओं के पते बीएलओ द्वारा सही ढंग से दर्ज थे।
इसी प्रकार, हाउस नंबर 265 के संबंध में राहुल के 501 मतदाताओं के दावे पर, रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यह पता एक बड़े भूखंड का है, जो परिवार की कई पीढ़ियों में बंट गया था। वर्तमान में, इस पते पर कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान और स्कूल भी चल रहे हैं।
सोनीपत के राई में ब्राज़ीलियाई मॉडल की तस्वीर वाले वोटर आईडी के आरोप की जांच में, रिपोर्टरों ने उन महिला मतदाताओं से बात की जिनके नाम बताए गए थे। उन्होंने पुष्टि की कि उनके वोटर आईडी वैध हैं और उन्होंने बिना किसी परेशानी के मतदान किया। स्थानीय बीएलओ ने इस मामले पर अपनी अनभिज्ञता व्यक्त की।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह अपने सभी सबूतों के साथ उच्च न्यायालय में अपील दायर करें। आयोग ने स्पष्ट किया कि 2024 की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद से कांग्रेस की ओर से कोई भी चुनावी याचिका दायर नहीं की गई है। आयोग ने यह भी समझाया कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के नंबर नहीं होते, और कुछ शहरी इलाकों में भी नगर निगम द्वारा नंबर आवंटित नहीं किए जाते, जिस कारण मतदाता सूची में पते के स्थान पर ‘शून्य’ दर्शाया गया था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी के ये आरोप उनकी पार्टी की लगातार चुनावी हार से ध्यान भटकाने और अपनी नेतृत्व क्षमता पर उठने वाले सवालों से बचने का एक प्रयास है। कांग्रेस की उम्मीदें महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में विधानसभा चुनावों में थीं, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आगामी चुनावों में भी हार की स्थिति में, नेतृत्व पर सवाल उठना तय है। ऐसे में, ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उन्हें अपनी जिम्मेदारी से बचने का अवसर प्रदान करता है।
