आंध्र प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है, जहाँ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जोगी रमेश को उनके भाई जोगी रामू के साथ नकली शराब के एक बड़े मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह आदेश 13 नवंबर तक प्रभावी रहेगा। रविवार की सुबह हुई गिरफ्तारी के बाद, दोनों को सोमवार की भोर में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया।
मजिस्ट्रेट ने पुलिस की रिमांड रिपोर्ट की समीक्षा और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के उपरांत, तड़के लगभग 5 बजे दोनों भाइयों को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्णय सुनाया। इसके पश्चात्, पुलिस ने उन्हें कड़ी सुरक्षा में विजयवाड़ा सेंट्रल जेल पहुंचाया।
सूत्रों के मुताबिक, नकली शराब मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने जोगी रमेश को NTR जिले के इब्राहिमपटनम स्थित उनके आवास से रविवार की सुबह पकड़ा। उनके भाई रामू को भी इसी दौरान हिरासत में ले लिया गया था।
SIT की पूछताछ का दौर लंबा चला। विजयवाड़ा में आबकारी विभाग के कार्यालय में पूर्व मंत्री जोगी रमेश और उनके भाई जोगी रामू से SIT ने करीब 12 घंटे तक गहन पूछताछ की। देर रात, मेडिकल जांच के लिए दोनों को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के आवास पर प्रस्तुत किया गया।
SIT को प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, जोगी रमेश से यह पूछताछ मामले के मुख्य आरोपी एड्डेपल्ली जनार्दन राव के बयानों पर आधारित थी। जनार्दन राव ने आरोप लगाया है कि रमेश के इशारे पर ही नकली शराब का उत्पादन हो रहा था।
एक वायरल वीडियो सामने आया था जिसमें जनार्दन राव ने बताया था कि TDP-NDA सरकार के आने के बाद उन्होंने अवैध शराब बनाना बंद कर दिया था। लेकिन, अप्रैल माह में जोगी रमेश ने उन्हें फोन कर फिर से यह काम शुरू करने का आदेश दिया था। आरोप है कि पूर्व मंत्री ने उन्हें अफ्रीका में शराब फैक्ट्री लगाने के लिए 3 करोड़ रुपये की पेशकश भी की थी।
जांचकर्ताओं को दिए बयान में जनार्दन राव ने स्वीकार किया कि 2023 में, जब जोगी रमेश मंत्री थे, तभी से अवैध शराब का उत्पादन शुरू हो गया था। उन्होंने यह भी बताया कि अफ्रीका जाने से पूर्व, 23 सितंबर को उन्होंने इब्राहिमपटनम स्थित जोगी रमेश के आवास पर मुलाकात की थी।
यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब जोगी रमेश ने एक दिन पहले ही आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में इस नकली शराब मामले की CBI जांच कराने की अपील दायर की थी।
जोगी रमेश ने स्पष्ट किया है कि यह राजनीतिक साजिश है और मौजूदा सरकार उन्हें फंसाना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती क्योंकि यह प्रभावित है।
पूर्व मंत्री का मानना है कि केवल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जैसी निष्पक्ष एजेंसी ही मामले की तह तक जा सकती है। उन्होंने उच्च न्यायालय से मुलकालचेरुवु और भवनपुरम पुलिस स्टेशनों में दर्ज की गई दो FIR को CBI को सौंपने का अनुरोध किया था।
इसके अतिरिक्त, रमेश ने 15 अक्टूबर को की गई अपनी शिकायत की भी CBI जांच की मांग की है। यह शिकायत मुख्य आरोपी एड्डेपल्ली जनार्दन राव के वीडियो बयान के बाद दर्ज की गई थी। रमेश का दावा है कि वह वीडियो दबाव में बनवाया गया था।
दूसरी ओर, YSR कांग्रेस पार्टी ने रमेश की गिरफ्तारी को गैरकानूनी और बदले की कार्रवाई करार दिया है। पार्टी प्रमुख वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया है कि वे नकली शराब मामले से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह सब करवा रहे हैं।
