जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र शासित प्रदेश के विकास के लिए एक व्यापक रणनीति का अनावरण किया है, जिसे उन्होंने चार प्रमुख स्तंभों में परिभाषित किया है: शांति, प्रगति, समृद्धि और लोगों को प्राथमिकता। उन्होंने इन ‘4 पी’ को जम्मू-कश्मीर की परिवर्तनकारी यात्रा के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
एलजी सिन्हा के अनुसार, ‘शांति’ पहली और सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है, जिसके बिना अन्य कोई भी विकास संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘शून्य-सहिष्णुता’ नीति के माध्यम से स्थायी शांति स्थापित करने पर जोर दिया है। इसमें आतंकी संगठनों की कमर तोड़ना, कानून व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है, ताकि व्यापार और सामान्य जनजीवन के लिए एक सुरक्षित वातावरण बन सके। सिन्हा ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सुरक्षा बलों ने हाल के समय में आतंकवादियों और उनके नेतृत्व का बड़ी संख्या में सफाया किया है।
‘प्रगति’ के दूसरे स्तंभ के तहत, उपराज्यपाल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में तेजी से और चौतरफा विकास कार्य चल रहा है। अवसंरचना का विकास, यातायात की बेहतर कनेक्टिविटी और सरकारी सेवाओं का कुशल वितरण इस विकास का मुख्य लक्ष्य है। राजमार्गों, सुरंगों और शहरी विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाएं इसी दिशा में कदम हैं।
‘समृद्धि’ पर जोर देते हुए, सिन्हा ने कहा कि आर्थिक विकास का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक के लिए खुशहाली और आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करना है। इसके लिए रोजगार के अवसर पैदा करना, निवेश बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना कि विकास का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे, ताकि गरीबी का उन्मूलन हो और लोग आत्मनिर्भर बनें।
‘लोग पहले’ के सिद्धांत को लागू करते हुए, प्रशासन पारदर्शी, जवाबदेह और जनता के प्रति समर्पित शासन सुनिश्चित कर रहा है। एलजी सिन्हा ने कहा, “हम जनता की समस्याओं को तत्परता से हल करने, पंचायती राज के माध्यम से स्थानीय लोकतंत्र को मजबूत करने और सभी निवासियों, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) इसी ‘जनता पहले’ के दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।
ई-गवर्नेंस, ‘माईगव’ जैसे नागरिक जुड़ाव मंच और ‘एलजी की मुलाक़ात’ जैसे शिकायत निवारण कार्यक्रमों को ‘जनता पहले’ मॉडल की सफलता के लिए महत्वपूर्ण बताया गया।
2019 के बाद से सुरक्षा की स्थिति में सुधार का उल्लेख करते हुए, उपराज्यपाल ने कहा कि कम पत्थरबाजी की घटनाएं और आतंकी भर्ती में आई कमी, शांति स्थापना की दिशा में हुई प्रगति को दर्शाती हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि ये चार स्तंभ जम्मू-कश्मीर को राष्ट्रीय प्रगति के साथ एकीकृत करने के लिए आवश्यक हैं।
उपराज्यपाल सिन्हा ने ‘4 पी’ को जम्मू-कश्मीर की कायापलट करने वाली यात्रा के लिए महत्वपूर्ण बताया, जिससे यह केंद्र शासित प्रदेश अपनी खोई हुई ‘स्वर्ग’ की पहचान पुनः प्राप्त कर सके और नवाचार, ज्ञान तथा समावेशी विकास का एक प्रमुख केंद्र बने।
यह घोषणा जम्मू-कश्मीर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में की गई, जहाँ उपराज्यपाल ने सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
