भयंकर चक्रवात ‘मंथन’ आज आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों की ओर बढ़ रहा है, जिससे दोनों राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवात के गंभीर रूप लेने और शाम या रात तक मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास, तट से टकराने की भविष्यवाणी की है।
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात ‘मंथन’ (जिसका अर्थ थाई में ‘सुगंधित फूल’ है) पश्चिम-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में केंद्रित था और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा था। इस दौरान, INCOIS और मौसम विभाग ने नेल्लोर से श्रीकाकुलम तक 2 से 4.7 मीटर ऊंची समुद्री लहरों की चेतावनी दी है।
ओडिशा सरकार ने चक्रवात के संभावित खतरे को देखते हुए दक्षिणी जिलों में तत्काल बचाव और निकासी अभियान शुरू कर दिया है। आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि NDRF, ODRAF और फायर सर्विसेज की कुल 140 बचाव टीमें विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
IMD की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, यह चक्रवाती तूफान मछलीपट्टनम से लगभग 280 किमी, काकीनाडा से 360 किमी, विशाखापत्तनम से 410 किमी और गोपालपुर से 610 किमी दूर था। अनुमान है कि यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और 28 अक्टूबर की सुबह तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा।
तट पार करते समय, चक्रवात के साथ 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिनकी गति 110 किमी प्रति घंटे तक पहुँच सकती है। सरकार ने NDRF की 22 टीमों को प्रभावित होने वाले पाँच राज्यों – आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पुडुचेरी, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में भेजा है।
आंध्र प्रदेश में लगभग 1,419 गांवों और 44 कस्बों पर चक्रवात का असर पड़ने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने और तटवर्ती इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। समुद्र की खूंखार स्थिति और ऊंची लहरों के खतरे को देखते हुए, मछुआरों को समुद्र में जाने से पूरी तरह रोक दिया गया है और सभी बीच बंद कर दिए गए हैं।
