उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई एक घटना का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा नेता विकुल छपराणा पर गंभीर आरोप लगे थे। वीडियो में भाजपा नेता और उनके साथियों को दो युवकों को धमकाते और उनकी कार पर हमला करते हुए दिखाया गया था। घटना के बाद, कांग्रेस और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे भाजपा सरकार के ‘अहंकारी’ रवैये का सबूत बताते हुए तीखी आलोचना की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नेता सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और आम जनता को प्रताड़ित कर रहे हैं।
वायरल वीडियो में भाजपा नेता को कथित तौर पर पीड़ित सत्यम रस्तोगी से बदसलूकी करते और उन्हें जमीन पर नाक रगड़ने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया था। इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी और भाजपा नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
हालांकि, स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना का एक अलग पहलू सामने रखा है। कुछ स्थानीय दुकानदारों, जिन्होंने घटना को अपनी आंखों से देखा, उनका कहना है कि वायरल वीडियो में दिखाए गए दृश्य पूरी तरह से सच्चाई बयां नहीं करते। उनके अनुसार, विवाद की शुरुआत सत्यम रस्तोगी ने की थी। एक दुकानदार ने बताया, “सत्यम रस्तोगी नशे में धुत था और उसने भाजपा नेता को गलत शब्दों से संबोधित किया। उसकी कार गलत तरीके से पार्क थी, जिससे भाजपा नेता को दिक्कत हो रही थी। जब उसने गाली-गलौज की तो मामला बढ़ गया।”
एक अन्य गवाह ने बताया, “रस्तोगी नशे में था और उसने पहले भाजपा नेता की कार पर हाथ मारा। इसके बाद ही भाजपा नेता और उसके साथियों ने प्रतिक्रिया दी।” यह साफ है कि वीडियो में केवल एक पक्ष का पक्ष दिखाया गया था।
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह घटना 19 अक्टूबर की रात को मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र में हुई। पुलिस अधीक्षक (शहर) आयुष विक्रम सिंह ने पुष्टि की है कि वीडियो सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि विवाद का मुख्य कारण पार्किंग की जगह को लेकर था। पुलिस ने यह भी बताया कि सत्यम रस्तोगी के भाई आदित्य रस्तोगी ने शिकायत दर्ज कराई है और मामले की आगे की जांच जारी है।
