महाराष्ट्र में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या का मामला गहराता जा रहा है, जिस पर अब राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस घटना को ‘संस्थागत हत्या’ बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है और न्याय की मांग की है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने को फलटण पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार रात को डॉक्टर का शव एक होटल के कमरे में संदिग्ध हालत में पंखे से झूलता मिला था।
सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने, जिस पर डॉक्टर के साथ कई बार बलात्कार करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है, गिरफ्तारी से पहले फरार था। उसे रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले, शनिवार को पुलिस ने मृतक डॉक्टर के मकानमालिक के बेटे, प्रशांत बांकर को भी गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि उसने डॉक्टर को लगातार मानसिक रूप से परेशान किया। डॉक्टर ने अपनी सुसाइड नोट में इन दोनों के नाम का उल्लेख किया था, साथ ही अपनी हथेली पर भी मौत से पहले एक संदेश छोड़ा था।
**राहुल गांधी का तीखा प्रहार**
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में कहा कि ‘बलात्कार और उत्पीड़न से त्रस्त एक होनहार डॉक्टर बेटी की मौत किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है।’ उन्होंने कहा, “जो डॉक्टर दूसरों का दुख दूर करने के लिए बनी थी, वह एक भ्रष्ट व्यवस्था के अपराधियों का शिकार बन गई।” राहुल गांधी ने आगे कहा, “जिनसे सुरक्षा की उम्मीद थी, उन्होंने ही इस मासूम महिला के साथ जघन्य अपराध किया।” उन्होंने यह भी दावा किया कि “कुछ प्रभावशाली लोग, जो भाजपा से जुड़े हैं, उन्होंने भी डॉक्टर पर गलत काम करने का दबाव डाला था।” राहुल गांधी ने इस घटना को ‘आत्महत्या’ न कहकर “संस्थागत हत्या” करार दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को पूरा समर्थन देने का वादा किया और कहा, “भारत की हर बेटी को न्याय मिलेगा, अब कोई डर नहीं।”
**सुसाइड नोट में गंभीर खुलासे**
सूत्रों के अनुसार, यह महिला डॉक्टर मूल रूप से बीड जिले की रहने वाली थी और सातारा के फलटण उप-जिला अस्पताल में कार्यरत थी। अपनी सुसाइड नोट में, उसने सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने पर चार बार दुष्कर्म करने और प्रशांत बांकर पर लगातार मानसिक यातना देने का आरोप लगाया था। चौंकाने वाली बात यह है कि उसने एक सांसद और उसके साथियों पर भी आपराधिक मामलों में आरोपी व्यक्तियों के लिए झूठे मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने का दबाव डालने का आरोप लगाया।
आरोप है कि डॉक्टर को पिछले पांच महीनों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। उसने कई बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉक्टर ने अपनी नोट में लिखा कि जब उसने एक सांसद के कहने पर गलत मेडिकल रिपोर्ट देने से मना किया, तो उसे जान से मारने की धमकी भी मिली। उसके चचेरे भाई ने भी इस बात की पुष्टि की कि उसे फर्जी रिपोर्ट बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
**जांच जारी**
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सातारा के पुलिस अधीक्षक तुषार डोशी ने कहा है कि बलात्कार, उत्पीड़न और राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता के आरोपों की गहन जांच की जा रही है।
