महाराष्ट्र के सतारा में एक डॉक्टर की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जिसके बाद पुलिस ने निलंबित पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल बडने को गिरफ्तार कर लिया है। बडने ने रविवार को सतारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। यह गिरफ्तारी डॉक्टर आत्महत्या मामले में दूसरी है। पहले आरोपी प्रशांत बंकर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
मृतका महिला डॉक्टर ने शुक्रवार को आत्महत्या की थी। मरने से पहले उसने अपने हाथ पर एक नोट लिखा था, जिसमें उसने पुलिस अधिकारी गोपाल बडने और दो अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे। डॉक्टर ने नोट में स्पष्ट किया था कि बडने ने उसके साथ चार बार दुष्कर्म किया और पिछले पांच महीने से उसका मानसिक और शारीरिक शोषण कर रहा था।
इस घटना पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम फडणवीस ने इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने को गलत बताया। उन्होंने मीडिया से कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और गिरफ्तारियां भी हो रही हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी को भी इस मामले में छोड़ा नहीं जाएगा।
मृतक डॉक्टर के परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर पर काम से संबंधित राजनीतिक दबाव भी था। उन्होंने कहा कि डॉक्टर को गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के लिए मजबूर किया जा रहा था। परिवार ने मांग की है कि सभी आरोपियों को सबसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।
हाथ पर लिखे नोट के अलावा, 26 वर्षीय महिला डॉक्टर ने एक चार पन्नों का विस्तृत सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें उसने विस्तृत रूप से बताया है कि कैसे पुलिस अधिकारी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे आरोपियों के लिए फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मजबूर किया। रिपोर्टों के अनुसार, डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि पुलिस अधिकारियों के अलावा, एक सांसद और उनके निजी कर्मचारियों ने भी उस पर दबाव डाला था। जब उसने इन अवैध मांगों को मानने से इनकार कर दिया, तो उसे उप-निरीक्षक गोपाल बडने और अन्य लोगों द्वारा परेशान किया गया। आरोप है कि उसने करीब 21 बार विभिन्न अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
