अमेरिका के पास एक ऐसी ‘उड़ने वाली मौत की मशीन’ है जिसने दुश्मन देशों की नींद उड़ा रखी है। यह है बी-1बी लांसर बॉम्बर, एक सुपरसोनिक विमान जिसने 40 साल पहले अपनी सेवा शुरू की थी, लेकिन आज भी उतना ही घातक और प्रभावी है। इसे ‘मशीन गन’ भी कहा जाता है, जो मैक की गति से उड़ता है, कभी चूकता नहीं और कभी रुकता नहीं।
दुनिया भर में जहां देश आधुनिक युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों पर भारी निवेश कर रहे हैं, वहीं बी-1बी लांसर अपने अनुभव और क्षमताओं से सबको चौंका रहा है। हाल ही में, इस बॉम्बर को वेनेजुएला के समुद्री क्षेत्र और कैरेबियन द्वीपों के पास अमेरिकी सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के रूप में देखा गया। यह क्षेत्र में नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ अमेरिका के बढ़ते प्रयासों का हिस्सा है। इसका मतलब साफ है – कोई भी कोना सुरक्षित नहीं है, कोई भी व्यवस्था अभेद्य नहीं है, खासकर जब लांसर हमला करे।
**अनोखा स्विंग-विंग डिजाइन:**
बी-1बी लांसर की सबसे बड़ी खासियत इसका स्विंग-विंग डिजाइन है। उड़ान के दौरान, यह अपनी पंखों की स्थिति बदल सकता है। टेक-ऑफ के समय, पंख चौड़े फैले होते हैं ताकि अधिक लिफ्ट मिल सके। वहीं, जब इसे सुपरसोनिक गति पकड़नी होती है, तो पंख पीछे की ओर मुड़ जाते हैं, जिससे हवा का प्रतिरोध कम होता है और गति अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है। यह डिजाइन इसे दुश्मन के राडार से बचने और तेजी से हमला करने में मदद करता है।
**ध्वनि की गति से तेज उड़ान:**
चार शक्तिशाली टर्बोफैन इंजनों से लैस, बी-1बी लांसर ध्वनि की गति (मैक 1.2) से भी तेज उड़ सकता है। इसकी रेंज इतनी लंबी है कि यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक बिना रुके उड़ान भर सकता है। इतनी लंबी सेवा अवधि के बावजूद, यह आज भी कई आधुनिक विमानों को टक्कर देता है।
**’नीचे से मौत’ का हमला:**
इस बॉम्बर की एक और खासियत इसका कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता है। यह इतनी नीचे उड़ता है कि दुश्मन के राडार द्वारा पता लगाए जाने से पहले ही बम गिर चुके होते हैं। डोपलर सेंसर और सिंथेटिक एपर्चर रडार जैसी उन्नत तकनीकें इसे अंधेरे में भी लक्ष्य भेदने में मदद करती हैं। यह हाइपरसोनिक और लंबी दूरी के हथियारों से लैस है, जिससे यह दुश्मनों की पहुंच से बहुत दूर से ही विनाशकारी हमले कर सकता है।
