प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत के स्वदेशी विमान वाहक पोत INS विक्रांत का दौरा किया। इस दौरे के दौरान, वह जहाज के उस हिस्से में खड़े हुए जहां INS विक्रांत की सबसे शक्तिशाली रक्षा प्रणालियों में से एक, बराक-8 मिसाइल लॉन्चर, स्थित है। यह उन्नत मिसाइल प्रणाली, जो जहाज के वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) के भीतर छिपी हुई है, 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दुश्मनों को तबाह करने की क्षमता रखती है।
INS विक्रांत सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर रक्षा प्लेटफॉर्म है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका एकीकृत हवाई रक्षा सिस्टम है, जो इसे दुश्मन के हवाई हमलों से बचाने के लिए पर्याप्त है। इस प्रणाली का मुख्य हिस्सा बराक-8 मिसाइल है। प्रधानमंत्री के खड़े होने वाले स्थान पर कुल 32 मिसाइल सेल हैं, जिनमें से प्रत्येक में बराक-8 तैनात है। यह मिसाइल किसी भी प्रकार के विमान, ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइल को 100 किलोमीटर की परिधि में मार गिराने में सक्षम है। इस क्षमता के कारण, INS विक्रांत को एक ‘मिनी-डिस्ट्रॉयर’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह अपने आप में एक विध्वंसक जहाज के बराबर सुरक्षा प्रदान करता है।
‘बराक’ का अर्थ ‘बिजली’ है, और यह मिसाइल अपनी गति और सटीकता के लिए जानी जाती है। भारत और इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित, यह मिसाइल लक्ष्य को स्वयं ट्रैक करने और नष्ट करने की क्षमता रखती है। यह 2,500 किमी/घंटा से अधिक की गति से लॉन्च होती है और 60 किलोग्राम के वारहेड से लैस होती है। 4.5 मीटर लंबी और 275 किलोग्राम वजनी यह मिसाइल 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकती है। INS विक्रांत, जो 40,000 टन से अधिक वजन का है और 30 नॉट की गति से चलता है, 26 MiG-29K लड़ाकू विमानों और 8 हेलीकॉप्टरों को ले जा सकता है। बराक-8 प्रणाली ने भारत को विदेशी रक्षा प्रणालियों पर निर्भरता से मुक्त किया है और स्वदेशी रक्षा क्षमता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।
