देश भर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत, कई राज्य सरकारों ने महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन को सुलभ और किफायती बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन पहलों में से एक प्रमुख योजना है – राज्य-संचालित बसों में महिलाओं के लिए वर्ष भर मुफ्त यात्रा की सुविधा।
वर्तमान में, भारत में पांच ऐसे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश हैं जहां यह जन-उन्मुख सुविधा लागू है, जिससे लाखों महिलाओं को दैनिक आवागमन में सुविधा मिल रही है।
**कर्नाटक की ‘शक्ति योजना’:**
जून 2023 में शुरू की गई यह योजना कर्नाटक की मूल निवासी महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को राज्य की बसों में मुफ्त यात्रा प्रदान करती है। इस योजना के तहत करोड़ों यात्राएं दर्ज की गई हैं, जो इसकी लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाती है। यह योजना राज्य की चार प्रमुख सड़क परिवहन निगमों की बसों पर लागू होती है, लेकिन कुछ प्रीमियम सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है।
**पंजाब में महिलाओं को मुफ्त सफर:**
पंजाब सरकार ने राज्य परिवहन की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है। योजना के लागू होने के बाद से ही लाखों महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया है, जिससे प्रतिदिन औसतन 3 लाख से अधिक महिलाएं यात्रा करती हैं। इस पहल के लिए सरकार ने भारी बजट आवंटित किया है, जिससे महिलाओं की आवाजाही आसान हुई है।
**दिल्ली का ‘सहेली’ कार्ड:**
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 2019 से महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा डीटीसी और क्लस्टर बसों में उपलब्ध है। हाल ही में, ‘गुलाबी टिकट’ प्रणाली को डिजिटल ‘सहेली’ स्मार्ट कार्ड से बदलने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे योजना का संचालन और बेहतर हो सके। यह पहल महिलाओं को हर महीने अच्छी-खासी राशि बचाने में मदद कर रही है।
**तमिलनाडु का ‘मागिलिर विडियाल पायनम थित्तम’:**
तमिलनाडु में भी महिलाएं ‘मागिलिर विडियाल पायनम थित्तम’ के माध्यम से राज्य की बसों में मुफ्त यात्रा का आनंद ले सकती हैं। पिछले चार वर्षों में इस योजना के माध्यम से 682 करोड़ से अधिक मुफ्त यात्राएं महिलाओं द्वारा की गई हैं, जो प्रदेश में महिला गतिशीलता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है।
**आंध्र प्रदेश की ‘स्त्री शक्ति’ योजना:**
आंध्र प्रदेश सरकार ने हाल ही में ‘स्त्री शक्ति’ योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य की महिला यात्रियों को चयनित APSRTC बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाती है। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो रही है, जिससे उनकी आर्थिक निर्भरता कम हो रही है और वे शिक्षा व रोजगार के अवसरों का बेहतर लाभ उठा पा रही हैं।