लंदन की सड़कों पर मोबाइल फोन स्नैचिंग और चोरी के संगठित गिरोहों के खिलाफ पुलिस ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए 46 लोगों को दबोच लिया है। दो हफ्ते तक चले एक सघन अभियान के बाद हुई इन गिरफ्तारियों का लक्ष्य उन लोगों को पकड़ना था जो न केवल फोन छीनते थे, बल्कि चोरी के फोन खरीदकर उन्हें देश से बाहर भेजते थे। इस ऑपरेशन में सात ऐसे दुकानों को भी सील किया गया है, जो चोरी के सामान की खरीद-फरोख्त में लिप्त थीं। इनमें से एक दुकान से 2,000 से अधिक मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मिले, जिनकी कुल कीमत करीब 5 लाख पाउंड आंकी गई है।
लंदन के पुलिस आयुक्त द्वारा इसे ‘ऐतिहासिक’ बताया गया है। यह कार्रवाई लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस द्वारा ‘ऑपरेशन ज़ोरिडॉन’ के तहत की गई, जिसमें 300 से अधिक पुलिसकर्मी सादी वर्दी में तैनात थे। अनुमान है कि पिछले एक साल में लगभग 40,000 चोरी हुए मोबाइल फोन ब्रिटेन से चीन भेजे गए। इस बड़े पैमाने पर हुए अपराध से निपटने के लिए लंदन और हर्टफोर्डशायर में 28 जगहों पर तलाशी ली गई।
लंदन में पिछले कुछ वर्षों में, खासकर वेस्टमिंस्टर, ट्राफलगर स्क्वायर और बकिंघम पैलेस जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों पर, फोन छीनने की वारदातों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। 2020 में जहां 28,000 फोन छीने गए थे, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा 81,000 तक पहुंच गया। यह औसतन हर आठ मिनट में एक फोन स्नैच होने की दर को दर्शाता है। ये अपराधी अक्सर मोटरसाइकिल पर सवार होकर राहगीरों को निशाना बनाते हैं और चोरी के फोन को अवैध तरीके से बेच देते हैं।
ऑपरेशन ज़ोरिडॉन में पुलिस ने चोरी के सामान को ट्रैक करने के लिए SelectaDNA जैसी आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया, जो अपराधों को सुलझाने में सहायक सिद्ध हुई है। यह भी बताया गया है कि लंदन में प्रवासियों की बढ़ती संख्या और दुकानदारी (shoplifting) की घटनाओं में वृद्धि के बीच संबंध है। पुलिस द्वारा की गई ताबड़तोड़ छापेमारी में दर्जनों अपराधियों को पकड़ा गया है। कुछ मामलों में, पीड़ितों के साथ क्रूरता की हदें पार कर दी गई थीं, जिससे उनकी जान को खतरा भी पैदा हो गया था। बढ़ते पर्यटक दबाव और शहर की छवि खराब होने के डर से पुलिस अब इस मामले में गंभीर हुई है। यह उम्मीद की जाती है कि पुलिस ऐसे गिरोहों के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगी।