दिवाली 2025 ने एक बार फिर पूरे भारत को रोशनी, उल्लास और एकता के सूत्र में पिरो दिया। इस वर्ष, पारंपरिक उत्सवों के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी देखने को मिली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली में ‘ग्रीन क्रैकर्स’ के इस्तेमाल की अनुमति ने लोगों को राहत दी, जो प्रदूषण कम करने के प्रयासों का समर्थन करते हैं। देश भर के लाखों घरों और सड़कों पर दीयों, रंगोली और रंग-बिरंगी लाइटों से अद्भुत छटा बिखरी। यह पर्व केवल पटाखों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका मुख्य आकर्षण परिवार, प्रियजनों के साथ भोजन और पारंपरिक मूल्यों का उत्सव रहा। मुंबई के शिवाजी पार्क से लेकर असम के छोटे कस्बों तक, हर जगह त्योहार का जोश और खुशी साफ झलक रही थी। लक्ष्मी पूजा की गई, धन और समृद्धि के लिए प्रार्थनाएं की गईं। भारतीय सेना के जवानों ने भी सीमा पर दिवाली मनाकर राष्ट्र सेवा की भावना का परिचय दिया। गुरुद्वारा बंगला साहिब में दिवाली और बंदी छोड़ दिवस का एक साथ मनाया जाना, समाज में बढ़ती सहिष्णुता और समावेशिता का प्रमाण था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने INS विक्रांत पर नौसेना के जवानों के साथ दिवाली मनाकर सैनिकों का हौसला बढ़ाया। बाजारों में रौनक रही, जिससे छोटे व्यापारियों और कारीगरों को भी लाभ हुआ। इस प्रकार, दिवाली 2025 ने न केवल घरों को रोशन किया, बल्कि दिलों में भी खुशी और एकता की लौ जलाई।
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