भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को अब 800 किलोमीटर की दूरी तक मार करने के लिए उन्नत किया जा रहा है। यह मिसाइल इतनी शक्तिशाली और तेज है कि दुश्मन को बचाव का मौका नहीं मिलेगा, जिससे भारत की रणनीतिक क्षमताएं काफी बढ़ गई हैं।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) इस उन्नत संस्करण के परीक्षणों में जुटा हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि 2027 तक यह मिसाइल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ इस्तेमाल की जाएगी और इसकी बढ़ी हुई रेंज पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों को सीधे खतरे में डालती है।
800 किमी की दूरी, अभूतपूर्व मारक क्षमता
ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज में यह अभूतपूर्व वृद्धि भारतीय सेना को पहले से कहीं अधिक रणनीतिक गहराई प्रदान करती है। अब भारतीय सेना दुश्मन के ठिकानों पर अधिक सुरक्षित दूरी से हमला कर सकेगी, जिससे जवाबी हमले का खतरा कम हो जाएगा। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र तीनों माध्यमों से दागी जा सकती है, जो इसे एक बहुआयामी हथियार बनाती है।
पाकिस्तान पर सीधा असर
इस 800 किलोमीटर की मारक क्षमता से पाकिस्तान के लगभग सभी प्रमुख सैन्य लक्ष्य, जिसमें कमांड सेंटर, प्रशिक्षण शिविर और नौसेना के ठिकाने शामिल हैं, भारत की पहुंच में आ जाएंगे। यह भारत को किसी भी खतरे को दूर से ही बेअसर करने की क्षमता देता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सबक
पिछले साल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ब्रह्मोस ने अपनी क्षमता साबित की थी। भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30MKI से मिसाइलें दागकर पाकिस्तान के अंदर स्थित कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इस हमले में कई आतंकवादी मारे गए थे और उन ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था, जिनका इस्तेमाल आतंकी संगठन कर रहे थे।
रक्षा मंत्री की मुहर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ब्रह्मोस की सटीकता और प्रभावशीलता की प्रशंसा की है। मिसाइल की Mach 2.8 से 3.0 की गति दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को पूरी तरह से चकित कर देती है, जिससे उन्हें खतरे का पता चलने से पहले ही लक्ष्य नष्ट हो जाता है। यह भारत को क्षेत्रीय सुरक्षा में एक निर्णायक बढ़त प्रदान करता है।