अयोध्या, उत्तर प्रदेश – छोटी दीपावली के पावन अवसर पर इस बार अयोध्या नगरी अद्भुत रोशनी से जगमगा उठी। 9वें अयोध्या दीपोत्सव में 26 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाकर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया। इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने 2128 पुरोहितों ने सरयू नदी के घाट पर भव्य महाआरती संपन्न की, जिससे दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बने।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दीपोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया, जिसने अयोध्या को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से दुनिया के नक्शे पर और भी प्रमुखता से स्थापित किया। इस विशाल आयोजन में 26,17,215 मिट्टी के दीये एक साथ प्रज्ज्वलित कर पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया गया। इसके अतिरिक्त, 2128 पुरोहितों द्वारा एक साथ महाआरती का दूसरा रिकॉर्ड भी कायम हुआ।
इस शानदार सफलता के पीछे राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 32,000 से अधिक छात्र-छात्राओं, स्थानीय लोगों और जिला प्रशासन की महीनों की कड़ी मेहनत थी। स्वयंसेवकों ने अथक प्रयास कर लाखों दीयों को व्यवस्थित रूप से सजाया। दीयों की पंक्तिबद्ध जगमगाहट और रामायण के प्रसंगों पर आधारित लेजर व लाइट शो के अदभुत समन्वय ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। सरयू नदी के जल में दीयों का प्रतिबिंब एक अलौकिक दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि यह उत्सव ‘सत्य की विजय’ का प्रतीक है। उन्होंने उन लोगों पर भी कटाक्ष किया जिन्होंने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया और कहा कि उनकी मंशा अयोध्या को फैजाबाद बनाने की थी, लेकिन अब यह शहर अपनी प्राचीन गरिमा और जीवंतता वापस पा चुका है। उन्होंने बताया कि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद ही भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया।
2017 में शुरू हुआ यह दीपोत्सव, जो इस वर्ष अपने नौवें संस्करण में था, अब एक प्रमुख राष्ट्रीय उत्सव का रूप ले चुका है। यह आयोजन न केवल भगवान राम की लीलाओं का स्मरण कराता है, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर और लोगों की गहरी आस्था का भी प्रमाण है।