प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत अब आतंकी हमलों के बाद खामोश नहीं रहता, बल्कि जवाबी कार्रवाई के तौर पर एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम उठाता है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा नीति में यह एक बड़ा बदलाव है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने आर्थिक संकटों को पार किया है और ‘फ्रैजाइल फाइव’ की सूची से निकलकर विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है। उन्होंने बताया कि देश में मुद्रास्फीति 2% से नीचे है और विकास दर 7% से अधिक बनी हुई है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आज हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रदर्शन कर रहा है, चाहे वह छोटे उद्योग हों या बड़े। उन्होंने कहा, “हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि जहाँ पिछली सरकारें मजबूरन सुधार करती थीं, वहीं उनकी सरकार पूरे आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है, जिसने हर चुनौती को अवसर में बदला है।
एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में अपने संबोधन के दौरान, पीएम मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत ने अपने हर सुधार को मज़बूती में बदला है और इस मज़बूती को एक जन-क्रांति का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर जब युद्ध की खबरें सुर्खियां बन रही थीं, तब भारत ने दुनिया को गलत साबित करते हुए सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी यात्रा जारी रखी।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 140 करोड़ भारतीय एक साथ, बिना रुके और बिना धीमे हुए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब दुनिया कई बाधाओं का सामना कर रही है, तब भारत एक ‘अविराम’ शक्ति के रूप में उभर रहा है। भारत अब ‘चिप्स से लेकर शिप’ तक, हर ज़रूरी चीज़ में आत्मनिर्भर है और हर क्षेत्र में नया आत्मविश्वास भर रहा है।
पीएम मोदी ने पिछली सरकारों की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण वित्तीय क्षेत्र में समस्याओं का एक बड़ा कारण बना, जबकि उनकी सरकार ने वित्तीय संस्थानों का लोकतंत्रीकरण किया है, जो ‘अविराम भारत’ की नींव है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के लोग ही इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं और सरकारी हस्तक्षेप के बिना वे असाधारण प्रदर्शन कर सकते हैं। डिजिटल वित्तीय अवसंरचना में भारत की प्रगति ने दुनिया को चकित कर दिया है, और अब भारत को एक विश्वसनीय, जिम्मेदार और अवसरों से भरपूर देश के रूप में देखा जा रहा है।