तमिलनाडु में मौसम का मिजाज बदलने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि राज्य में अगले कुछ दिनों तक, विशेषकर 19 अक्टूबर तक, भारी से मूसलाधार वर्षा हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र और तेज पूर्वी हवाओं के चलते यह मौसमी हलचल देखने को मिल रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, कोयंबटूर, नीलगिरी, थेनी, तेनकासी, तिरुप्पुर, इरोड, धर्मपुरी, सलेम, नामक्कल, करूर, डिंडीगुल, मदुरै, विरु Nagar, तिरुचिरापल्ली, कल्लाकुरिची और तिरुवन्नामलाई जैसे 16 जिलों में मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश का अनुमान है। इन क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की भी संभावना जताई गई है।
इसके अतिरिक्त, 15 और 16 अक्टूबर के लिए, IMD ने तिरुनेलवेली के पहाड़ी इलाकों और कन्याकुमारी, तूतीकोरिन, रामनाथपुरम, शिवगंगई जैसे तटीय जिलों के लिए भी चेतावनी जारी की है। वहीं, पुडुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवरूर, नागापट्टिनम और मयलादुथुराई जिलों में भी छिटपुट भारी बौछारें देखने को मिल सकती हैं। राजधानी चेन्नई में अगले दो दिनों तक मध्यम बारिश के साथ-साथ गरज-चमक की भी संभावना है। निचले इलाकों में जलभराव का खतरा बना रहेगा।
पश्चिमी जिलों में बारिश का असर पहले से ही देखा जा रहा है। हाल ही में कोयंबटूर और तिरुप्पुर में अचानक आई बाढ़ ने सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और यातायात व्यवस्था बाधित हो गई थी। सलेम और इरोड में नदियों और जलाशयों का जलस्तर बढ़ने लगा है, जिसके कारण बांधों से पानी छोड़ने की नौबत आ गई है।
नीलगिरी जिले में पिछले सप्ताह हुई भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है। कूनूर और कोटगिरी के पास भूस्खलन के कारण कुछ सड़कों को बंद करना पड़ा है। प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी और बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने और सतर्क रहने का आग्रह किया है।
तमिलनाडु सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लगातार मौसम की स्थिति पर नजर रखें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए टीमों को तैयार रखें। यह भारी बारिश का दौर पूरे सप्ताह जारी रह सकता है।