असम विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, नमल मोमिन, ने लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग की याद को चिरस्थायी बनाने के लिए एक भावुक प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि एक ‘जुबिन गर्ग मेमोरियल ट्रस्ट’ की स्थापना की जाए, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के सबसे जरूरतमंद लोगों, विशेषकर गरीबों, विधवाओं, अनाथों और वंचित समुदायों की सहायता करना हो। मोमिन का मानना है कि इस ट्रस्ट के माध्यम से न केवल जुबिन गर्ग की स्मृतियों को जीवंत रखा जा सकता है, बल्कि यह समाज सेवा का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बनेगा।
मोमिन ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, “यह मेरा व्यक्तिगत विचार है कि हमें जुबिन गर्ग मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना करनी चाहिए। इस ट्रस्ट के लिए जो भी धन प्राप्त हो, उसका उपयोग उन लोगों के लिए होना चाहिए जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है – जैसे कि गरीब, अनाथ, विधवाएं और बुजुर्गों की देखभाल करने वाले संस्थान।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पहल जुबिन गर्ग की संगीत यात्रा के समानांतर, उनकी करुणा और परोपकार की भावना को आगे बढ़ाएगी। मोमिन ने विशेष रूप से छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने और विधवाओं को आर्थिक व सामाजिक संबल प्रदान करने की बात कही। उनका यह भी मानना है कि इस ट्रस्ट को पारदर्शी और सुलभ रखा जाना चाहिए, ताकि इसका लाभ सभी जरूरतमंदों तक पहुंचे और यह किसी के व्यक्तिगत लाभ का जरिया न बने। उन्होंने सभी असमवासियों से इस नेक काम में सहयोग करने और इस ट्रस्ट का अभिन्न अंग बनने का आह्वान किया।
जुबिन गर्ग, जिनका हाल ही में सिंगापुर में निधन हुआ, को असम और भारत भर में अपार स्नेह प्राप्त था। मोमिन ने उनके निधन को एक बड़ी त्रासदी बताते हुए कहा कि उनके अनगिनत गीतों ने लाखों दिलों को छुआ है। चाहे वह असमिया हो, हिंदी हो, या कोई अन्य भाषा, जुबिन गर्ग की आवाज ने हमेशा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
डिप्टी स्पीकर ने यह भी बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस मामले की तह तक जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन के साथ-साथ एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व वाली एक समिति भी बनाई है। यह समिति गायक की मृत्यु के कारणों की गहन जांच कर रही है। मोमिन ने कहा कि अब तक की जांच संतोषजनक रही है और कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया है। यदि जांच के दौरान किसी भी तरह की बाधा आती है या संदेह पैदा होता है, तो सरकार मामले को सीबीआई को सौंपने में भी संकोच नहीं करेगी। उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिवंगत गायक को न्याय मिले और उनकी मृत्यु के पीछे के सभी रहस्यों का खुलासा हो।