लद्दाख के लेह में हुई हिंसक घटनाओं के बाद सरकार ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। सरकार ने जनता का विश्वास जीतने के लिए कई कदम उठाने का वादा किया है, जिसमें भूमि, रोजगार और लोगों की पहचान की रक्षा शामिल है। सरकार ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाएगा। सरकार लद्दाख के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने और बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने सोनम वांगचुक पर हिंसा भड़काने और बातचीत में बाधा डालने का आरोप लगाया। लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोतवाल ने बताया कि 40 प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का फैसला किया गया है, जिन्हें 24 सितंबर को लेह में हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सरकार लद्दाख की जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही बातचीत शुरू करना चाहती है। सरकार लद्दाख के लोगों की भूमि, संसाधनों, नौकरियों, आजीविका और पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। मुख्य सचिव के अनुसार, सरकार बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझा रही थी, लेकिन इसे विफल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ के लिए इस प्रक्रिया को बाधित किया, जिससे 24 सितंबर को हिंसा हुई।
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