भारत सरकार भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में, भारत ने ब्रिटेन को आश्वासन दिया है कि अगर नीरव मोदी का प्रत्यर्पण किया जाता है, तो उस पर केवल अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा और किसी भी एजेंसी द्वारा कोई पूछताछ या हिरासत नहीं होगी।
यह गारंटी, जो एक औपचारिक पत्र के माध्यम से दी गई है, भारत सरकार के इरादे को स्पष्ट करती है। इसमें कहा गया है कि नीरव मोदी पर केवल पहले से दर्ज मामले ही जारी रहेंगे, जिसमें धोखाधड़ी और धन शोधन से संबंधित आरोप शामिल हैं। भारत सरकार ने ब्रिटेन की अदालतों को यह भी सूचित किया है कि नीरव मोदी से सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ, सीमा शुल्क और आयकर विभाग सहित किसी भी जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ नहीं की जाएगी।
नीरव मोदी ने लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में अपील की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर उन्हें भारत भेजा गया तो उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा। भारत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्हें केवल अदालत में मुकदमे का सामना करना होगा, किसी भी एजेंसी से नहीं।
भारत सरकार ने नीरव मोदी की सुरक्षा व्यवस्था और रहने की जगह के बारे में भी जानकारी दी है। उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जो विशेष रूप से हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए बनाई गई है और इसमें यूरोपीय मानकों के अनुसार सुविधाएं हैं।
अधिकारियों को उम्मीद है कि भारत की इस लिखित गारंटी के बाद नीरव मोदी की अपील खारिज हो जाएगी। इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को होने वाली है, और उसी दिन फैसला आने की संभावना है। नीरव मोदी पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोप है। ईडी और सीबीआई ने अब तक उसकी हजारों करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। भारत सरकार नीरव मोदी को जल्द से जल्द वापस लाना चाहती है ताकि उस पर भारत में मुकदमा चल सके।