एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि भारत में ‘आई लव मोहम्मद’ कहने की तुलना में ‘आई लव मोदी’ कहना आसान है। यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टरों को लेकर पिछले सप्ताह हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद उपजे तनाव के बीच आई है।
बरेली मंडल के चार जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। गुरुवार को सड़कों पर सुरक्षा बलों की तैनाती देखी गई, जिसका कारण दशहरा और शुक्रवार की नमाज थी।
ओवैसी ने कहा, “संभल मस्जिद का मामला चल रहा है। हमारी मस्जिदों को छीना जा रहा है। इस देश में कोई ‘आई लव मोदी’ तो कह सकता है, लेकिन ‘आई लव मोहम्मद’ नहीं। हम इस राष्ट्र को कहां ले जा रहे हैं? अगर कोई ‘आई लव मोदी’ कहता है, तो मीडिया खुश होता है। अगर कोई ‘आई लव मोहम्मद’ कहता है, तो आपत्ति होती है। अगर मैं मुसलमान हूं, तो मोहम्मद के कारण हूं। देश की स्वतंत्रता में भाग लेने वाले 17 करोड़ भारतीयों के लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं है। हम हिंसा की निंदा करते हैं… ऐसे वीडियो हैं जिनमें पुलिस लाठीचार्ज कर रही है और दुकानदार उन पर फूल बरसा रहे हैं। हमें याद रखना चाहिए कि पुलिस केवल सत्ता में बैठे लोगों के प्रति जवाबदेह है। जब सत्ता बदलती है, तो वे आपको कल मारेंगे… पैगंबर मोहम्मद के अलावा किसी का नाम मोहम्मद नहीं था। अगर आप उनके पोस्टर लगाते हैं, तो आपको उनका सम्मान करना होगा… मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि वे इतने कानून क्यों बना रहे हैं, और क्या हो रहा है? असम में 3000 मुसलमानों को बेघर कर दिया गया, यह दावा करते हुए कि निर्माण सरकारी जमीन पर था… हमें स्थिति से परेशान नहीं होना चाहिए। हमें धैर्य रखना चाहिए। हमें कानून के भीतर सब कुछ करना होगा। कानून को अपने हाथ में न लें। जब आप कानून के भीतर काम करते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि कानून सिर्फ एक मकड़ी का जाला है और कुछ नहीं…”