रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी के अवसर पर गुजरात के भुज में जवानों के साथ समय बिताया। उन्होंने सैनिकों के साथ बड़ाखाना में भाग लिया और बदलते वैश्विक परिदृश्य पर प्रकाश डाला।
राजनाथ सिंह ने कहा कि तकनीक में तेजी से बदलाव आ रहा है, और पुरानी तकनीकों को पीछे छोड़ते हुए नई तकनीकें आ रही हैं। उन्होंने आतंकवाद, साइबर हमलों और सूचना युद्ध जैसी नई चुनौतियों पर जोर दिया, जिनसे निपटने के लिए मानसिक दृढ़ता और नए ज्ञान की आवश्यकता है।
उन्होंने विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में वर्णित किया और सैनिकों को बधाई दी। उन्होंने जवानों से निरंतर प्रशिक्षण जारी रखने, नई तकनीकों को अपनाने और हर स्थिति के लिए तैयार रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युद्ध जीतने के लिए अनुशासन, मनोबल और तत्परता आवश्यक है।
राजनाथ सिंह ने सैनिकों से आग्रह किया कि वे नई तकनीकों को सीखें और प्रशिक्षण को नियमित रूप से करें। उन्होंने कहा कि जो सेना नई चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार सीखती है, वही अजेय रहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार सैनिकों के कल्याण, आधुनिकीकरण और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का सपना सैनिकों के समर्पण पर निर्भर करता है। राजनाथ सिंह ने 21वीं सदी को भारत का युग बताया और कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, जिससे जल्द ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक बनने में मदद मिलेगी।