तमिलनाडु के करूर में हुए भगदड़ हादसे के बाद, एनडीए का एक 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल घटना स्थल पर पहुंचा। यह दल पीड़ितों के परिवारों से मिलकर घटना के बारे में जानकारी जुटा रहा है। भगदड़ के समय मौजूद लोगों ने बताया कि विजय के भाषण के कुछ ही मिनटों बाद लोग बेहोश होने लगे, जिससे वहां अफरातफरी मच गई। भीड़ में मौजूद लोगों ने बताया कि विजय ने अपना भाषण खत्म किया और तुरंत वहां से चले गए।
गौरतलब है कि 27 सितंबर को एक्टर विजय की एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई और लगभग 60 लोग घायल हो गए। विजय पर आरोप लगा था कि वह रैली में देर से पहुंचे, जिसके कारण यह भीषण हादसा हुआ।
एनडीए के प्रतिनिधिमंडल को एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि टीवीके नेता आधव अर्जुन ने विजय को लोगों के बेहोश होने की जानकारी दी। जिसके बाद विजय ने अपनी गाड़ी से पानी की बोतलें फिंकवाईं। चश्मदीद ने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने में असफल रहा। सड़क की चौड़ाई 19 फीट थी, जबकि विजय की गाड़ी 12 फीट चौड़ी थी, जिसने सड़क का आधा हिस्सा घेर रखा था। विजय ने भाषण खत्म किया और लगभग 10 मिनट में वहां से निकल गए।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विजय के भाषण के 3-4 मिनट बाद ही लोग बेहोश होने लगे, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। एक एम्बुलेंस के आने से स्थिति और बिगड़ गई। स्थिति सामान्य होने में एक घंटे का समय लग गया। भीड़ में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी थे जो स्थानीय नहीं थे।
बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने इस घटना को बेहद दुखद और राजनीति के इतिहास की सबसे बड़ी भगदड़ बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए था। हेमा मालिनी ने कहा कि उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने सवाल किया कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। बीजेपी नेता ने कहा कि विजय को इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि अगर वे इतने लोकप्रिय हैं, तो उन्हें इतने लोगों को एकत्रित नहीं करना चाहिए था।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।