आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव से अब मंदिर भी अछूते नहीं रहे। आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर में देश का पहला AI संचालित एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर (ICCC) शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य भक्तों के लिए दर्शन को आसान बनाना, भीड़ को नियंत्रित करना और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है।
तिरुपति बालाजी मंदिर, जो भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय तीर्थस्थलों में से एक है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने AI का उपयोग करने का निर्णय लिया।
ICCC वास्तविक समय में भीड़ की भविष्यवाणी करेगा, कतारों को व्यवस्थित करेगा, सुरक्षा बढ़ाएगा और साइबर खतरों से निपटेगा। इस केंद्र में अत्याधुनिक कैमरे, 3डी मानचित्र और एक समर्पित तकनीकी टीम है। यह तकनीक-आधारित तीर्थयात्रा प्रबंधन का एक उदाहरण है जो श्रद्धालुओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा।
इस प्रणाली में 6,000 से अधिक AI-आधारित कैमरे हैं जो प्रतिदिन 51.8 करोड़ घटनाओं पर नज़र रखते हैं। यह सिस्टम 3.6 लाख पेलोड प्रति मिनट की प्रोसेसिंग क्षमता के साथ काम करता है। ICCC, ‘सर्व दर्शनम’ के प्रतीक्षा समय की भविष्यवाणी करने से लेकर भीड़ घनत्व को देखने तक, कई तरह से मदद करता है।
इसके अतिरिक्त, केंद्र साइबर सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे मंदिर प्रणालियों और डिजिटल संपत्तियों को ऑनलाइन खतरों से बचाया जा सके। ICCC में ड्रोन-सहायता प्राप्त आपातकालीन प्रतिक्रिया, टैबलेट-आधारित कर्मचारी सत्यापन और चेहरे की पहचान जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। यह मंदिर प्रशासन के लिए एक नई मिसाल स्थापित करेगा और देश के अन्य मंदिरों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है।