राज्य की महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के मुख्य सड़क भाग का निर्माण पूरा हो चुका है। सर्विस रोड, टोल प्लाजा, पेड़ लगाना, डिस्प्ले बोर्ड, स्ट्रीट लाइटिंग और प्रति किलोमीटर कैमरा इंस्टॉलेशन जैसे अन्य कार्य या तो पूरे हो चुके हैं या तेजी से चल रहे हैं। बारिश के कारण सर्विस लेन के निर्माण में कुछ बाधा आई थी, लेकिन अब काम फिर से शुरू हो गया है।
प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने शनिवार को परियोजना का निरीक्षण करते हुए निर्देश दिया कि सभी कार्यों को 2 नवंबर 2025 से पहले पूरा किया जाए। मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा को आसान बनाएगा। इस परियोजना पर लगभग 36,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह राज्य के 12 जिलों को जोड़ेगी।
डीएम वर्मा ने प्रयागराज के जुधपुर दांडू गांव में एक्सप्रेसवे के शुरुआती बिंदु का निरीक्षण किया और काम की प्रगति, यातायात प्रबंधन और रोडमैप की समीक्षा की। निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना को चार समूहों में बांटा गया है, जिसमें समूह 4 प्रयागराज जिले में 15.2 किलोमीटर तक फैला है। एक्सप्रेसवे छह लेन का बनाया जा रहा है, जबकि मुख्य संरचना को आठ लेन के लिए डिजाइन किया गया है ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसका विस्तार किया जा सके।