पंजाब की सड़कों पर पहले डर और अनिश्चितता का माहौल था। हर दिन, अखबारों में सड़क दुर्घटनाओं की दुखद कहानियाँ छपती थीं, जिससे 15 से 16 लोगों की जान चली जाती थी। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, भगवंत मान सरकार ने ‘रोड सेफ्टी फोर्स (SSF)’ और ‘फ़रिश्ते’ (एंजल्स) योजनाएँ शुरू कीं। ये दोनों योजनाएँ मिलकर पंजाब की सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए काम कर रही हैं, जो मानवता और विश्वास पर आधारित हैं।
पंजाब सरकार ने सड़क सुरक्षा के लिए एक विशेष बल बनाया, जो देश में पहला था। 2024 में शुरू हुई SSF ने एक साल से भी कम समय में बड़ा प्रभाव डाला है। SSF की टीमें अब पंजाब की 4,100 किलोमीटर लंबी सड़कों पर हर 30 किलोमीटर पर तैनात हैं। इन टीमों के पास 144 हाई-टेक वाहन हैं, जो 5 से 7 मिनट में दुर्घटना स्थल पर पहुँचते हैं। SSF का मुख्य काम सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है, साथ ही पुलिस को नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य अपराधों से निपटने में मदद करना है। SSF तकनीक का उपयोग करता है, जैसे स्पीड गन, बॉडी कैमरा, और AI, ताकि पुलिसिंग स्मार्ट और तेज़ हो सके। SSF की तैनाती वाले क्षेत्रों में 2024 में स्कूल जाने या वापस आने वाले किसी भी बच्चे की सड़क दुर्घटना में जान नहीं गई। SSF ने लगभग 37,110 लोगों की जान बचाई है, और फरवरी से अक्टूबर 2024 तक सड़क दुर्घटनाओं में 45.55% की कमी आई है।
SSF दुर्घटनाओं को रोकने का काम करता है, जबकि ‘फ़रिश्ते’ योजना दुर्घटना के बाद घायलों की मदद करती है। पहले, लोग दुर्घटना के बाद घायलों की मदद करने से डरते थे, क्योंकि उन्हें पुलिस की कार्रवाई का डर था। इस डर को दूर करने के लिए, मान सरकार ने ‘फ़रिश्ते’ योजना शुरू की। इस योजना का लक्ष्य सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को मुफ्त और तुरंत अस्पताल में इलाज दिलाना है। जो लोग दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल ले जाते हैं, उन्हें ‘फ़रिश्ता’ (एंजल) कहा जाता है और ₹2,000 का इनाम और प्रशंसा पत्र दिया जाता है। अच्छी बात यह है कि पुलिस या अस्पताल मदद करने वाले से कोई सवाल नहीं करते हैं, जिससे लोग बिना डरे मदद करने के लिए आगे आते हैं।
SSF और ‘फ़रिश्ते’ योजना मिलकर एक सुरक्षित वातावरण बनाते हैं। SSF सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि ‘फ़रिश्ते’ योजना हमें सिखाती है कि हम मिलकर समाज को बेहतर बना सकते हैं। मान सरकार ने महिलाओं को भी SSF में शामिल किया है, जिससे 287 महिलाएं इस बल का हिस्सा हैं। सरकार ने दिखाया है कि वह सिर्फ बातें नहीं करती, बल्कि बदलाव लाती है। यह सच्चा सशक्तिकरण और पंजाबियत है। मान सरकार ने साबित किया है कि सरकार का काम सिर्फ नियम बनाना नहीं है, बल्कि लोगों की जान की रक्षा करना भी है। यह एक सामाजिक क्रांति है जो जागरूकता बढ़ा रही है, जिम्मेदारी सिखा रही है, और लोगों को ‘फ़रिश्ते’ बनने के लिए प्रेरित कर रही है। पंजाब सरकार की पहल सराहनीय है। ये योजनाएँ हमारे जीवन से जुड़ी हुई हैं। SSF ‘सुरक्षा’ देता है, और ‘फ़रिश्ते’ योजना हमें ‘प्रेम’ और ‘विश्वास’ का रिश्ता बनाने के लिए सिखाती है। मान सरकार ने पंजाब की सड़कों पर मौत के डर को कम किया है और लोगों को जीवन का आनंद लेने के लिए प्रेरित किया है।