2008 मालेगांव बम धमाका मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करेगा। मौलाना अरशद मदनी, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष, ने कहा कि उनकी संस्था इस केस की पैरवी करेगी ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
हाईकोर्ट ने पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित और अन्य आरोपियों के साथ-साथ एनआईए (NIA) को भी नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी।
मौलाना मदनी ने सोशल मीडिया पर बताया कि जमीयत उलमा-ए-हिंद देश के जाने-माने आपराधिक वकीलों के माध्यम से पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए काम करेगी। विशेष NIA अदालत ने 2025 में सबूतों की कमी के कारण सभी आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसके बाद पीड़ितों ने कानूनी मदद के लिए जमीयत से संपर्क किया। जमीयत अब हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर पीड़ितों के लिए लड़ रही है।
यह धमाका 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हुए थे। पीड़ितों के परिवारों ने जमीयत उलेमा महाराष्ट्र (अर्शद मदनी) लीगल एड कमेटी के माध्यम से अपील दायर की है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए याचिका स्वीकार कर ली है।