सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष माओवादी कमांडर बसवराजू के परिजनों को बड़ा झटका देते हुए उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें अंतिम संस्कार के लिए उनका शव सौंपने की मांग की गई थी। बसवराजू की मई में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी। वह आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे और उन्हें नक्सल आंदोलन का शीर्ष नेता माना जाता था। बसवराजू और सात अन्य नक्सलियों का अंतिम संस्कार 26 मई को नारायणपुर में किया गया था। बसवराजू के परिजनों ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शव सौंपने से इनकार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला अवमानना कार्यवाही के तहत नहीं आता है और याचिकाकर्ता को अन्य उपाय तलाशने चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का अवमानना कार्यवाही बंद करने का फैसला सही था। बसवराजू पर छत्तीसगढ़ में एक करोड़ रुपये का इनाम था और उन्हें नक्सल आंदोलन का वैचारिक आधारस्तंभ माना जाता था।
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