सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर अपना अंतरिम फैसला सुनाया, जिसमें कुछ धाराओं पर रोक लगाई गई है। मौलाना अरशद मदनी ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद इस कानून के रद्द होने तक लड़ाई जारी रखेगी। मदनी ने कहा कि यह कानून देश के संविधान पर हमला है और मुसलमानों की धार्मिक आजादी छीनने की साजिश है। कोर्ट ने नए कानून की कुछ धाराओं पर रोक लगाई है, जिसमें वक्फ करने के लिए पांच साल से इस्लाम का पालन करने की शर्त और कलेक्टर को संपत्ति विवादों का अधिकार देना शामिल है। कोर्ट ने सेंट्रल वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या भी सीमित कर दी है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा कि कोर्ट असाधारण परिस्थितियों में ही किसी कानून पर रोक लगा सकता है।
Trending
- ISRO ने लॉन्च किया GSAT-7R: नौसेना की ताकत बढ़ी, हिंद महासागर में भारत का दबदबा
- ताइवान पर हमले का खतरा: शी जिनपिंग को ट्रम्प की सीधी चेतावनी
- क्या भारत फ्रांस से दूर? स्वदेशी लड़ाकू विमानों पर फोकस
- अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप, मजार-ए-शरीफ के पास झटके, जान-माल के नुकसान की आशंका
- शाहरुख का अनोखा अंदाज: सुरक्षा पहले, फैंस के लिए मन्नत से टाली जन्मदिन की रस्म
- ऐतिहासिक जीत! टीम इंडिया ने जीता महिला विश्व कप 2025, नारी शक्ति का डंका
- भारत की परमाणु शक्ति: रूस के बाद फास्ट-ब्रीडर तकनीक में दुनिया में दूसरा
- नुसंतारा: इंडोनेशिया की नई राजधानी पर मंडरा रहा ‘भूतिया शहर’ बनने का संकट
