मेरठ में रामभद्राचार्य के ‘पश्चिमी यूपी मिनी पाकिस्तान’ वाले बयान पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने कहा कि ऐसे बयान समाज में विभाजन पैदा करते हैं और हिंदुओं को भटकाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिमी यूपी में कोई पलायन नहीं हुआ है और लोग शांति से रह रहे हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बताया कि संभल, मुजफ्फरनगर और मेरठ में हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते हैं। सहारनपुर, बागपत, बिजनौर और मुरादाबाद में भी आबादी में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है; मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ गैर-मुस्लिम आबादी भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि दोनों समुदाय फल-फूल रहे हैं और एक धर्मगुरु के रूप में वह सभी का सम्मान करते हैं। उन्होंने रामभद्राचार्य के दावे को झूठा बताया।
जनसंख्या पर बोलते हुए, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि भारत में केवल 20% मुस्लिम हैं, जबकि 80% गैर-मुस्लिम हैं। उन्होंने पूछा कि क्या किसी मुसलमान ने बच्चे पैदा करने से इनकार किया है? उन्होंने कहा कि हाल ही में साध्वी ऋतंभरा, प्रज्ञा ठाकुर और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तीन बच्चों की अपील की थी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के बच्चे नहीं हैं, उनसे पूछिए।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सवाल किया कि भारतीय संतों को पाकिस्तान का नाम क्यों लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक नेताओं को समाज को एकजुट करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसे बयान देने चाहिए जो तनाव पैदा करें। उन्होंने कहा कि धार्मिक मंचों पर इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए।