बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, महागठबंधन में फूट पड़ती दिख रही है, इसकी वजह मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी बयानबाजी है। तेजस्वी यादव खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं, जबकि सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव के बाद तय किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सीट बंटवारे पर कोई समझौता नहीं करेगी।
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस गुणवत्ता वाली सीटों पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सीमांचल में महागठबंधन के सांसदों की जीत के आधार पर टिकटों का बंटवारा होना चाहिए। इस बयान से गठबंधन में तनाव की स्थिति बन सकती है।
तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार के बाद वे ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन पप्पू यादव ने उन्हें गठबंधन का साझा उम्मीदवार मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के सभी सदस्य एकजुट हैं और चुनाव के बाद तय होगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा।
पप्पू यादव ने मौजूदा मुख्यमंत्री पर बीजेपी द्वारा मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है। उन्होंने बीजेपी पर ईबीसी, जाति जनगणना, किसान, और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करना चाहती है।