बालासोर, ओडिशा में 2015 के डीआरडीओ डेटा लीक मामले में, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया गया था, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े आतंकी असिफ अली को मेरठ जेल से बालासोर की अदालत में पेश किया गया।
असिफ अली पर आरोप है कि वह आईएसआई के लिए हथियारों की आपूर्ति करता था, जिनका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जाना था। उसे 2015 में गिरफ्तार किया गया था और इस मामले में डीआरडीओ केंद्र के कैमरामैन ईश्वर बेहेरा भी शामिल थे, जिन्होंने संवेदनशील जानकारी लीक की। जांच से पता चला कि असिफ अली ने न केवल साजिश रची, बल्कि हथियारों और तकनीकी जानकारी के हस्तांतरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ईश्वर बेहेरा को पहले ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। असिफ अली के खिलाफ देशद्रोह, आपराधिक साजिश और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर आरोपों में सुनवाई जारी है। अदालत ने असिफ अली की जमानत याचिका खारिज कर दी है। उनके खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह मामला देश के लिए एक गंभीर खतरा था, क्योंकि बालासोर स्थित डीआरडीओ केंद्र भारत के रक्षा अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अदालत में असिफ अली की पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।