जम्मू-कश्मीर में डोडा से AAP विधायक मेहराज मलिक की PSA के तहत गिरफ्तारी के बाद विधानसभा सचिवालय ने सफाई दी है। सचिवालय ने सोमवार को कहा कि उसने विधायक मलिक पर PSA लगाने की मंजूरी नहीं दी थी। मलिक को एक सख्त कानून के तहत हिरासत में लिया गया था और कठुआ जेल भेजा गया है। मेहराज मलिक, आम आदमी पार्टी (AAP) की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष भी हैं।
विधानसभा सचिवालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा सचिवालय ने विधायक मेहराज मलिक पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) 1978 के प्रावधान लगाने का समर्थन किया है। सचिवालय ने इस दावे को ‘पूरी तरह से गलत और निराधार’ बताया है। सचिवालय ने स्पष्ट किया कि विधायक की गिरफ्तारी में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
सचिवालय ने कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नियम 260 के तहत मलिक की गिरफ्तारी के बारे में सभी विधायकों को सूचित किया था, जो कि उसका कर्तव्य है। नियम 260 के अनुसार, सचिवालय को अगर कोई भी सूचना मिलती है तो वह सभी विधायकों को इससे सूचित करता है।
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर मलिक की गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई और सवाल किया कि क्या अपने क्षेत्र की जनता के लिए अस्पताल मांगना इतना बड़ा गुनाह है कि इसके लिए विधायक को जेल में डाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मलिक हमेशा जनता की आवाज बनकर हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे।