उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 सितंबर को मतदान होना है, जो सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। मतगणना शाम 6 बजे शुरू होगी और नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे। एनडीए ने सी पी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि इंडिया ब्लॉक ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जज बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।
इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं, जिनमें राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। गुप्त मतदान होता है और व्हिप जारी नहीं किया जाता, जिससे सांसद अपनी पसंद के अनुसार वोट कर सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर वोट पार्टी लाइन के अनुसार ही डाले जाते हैं। अतीत में क्रॉस वोटिंग हुई है और इस बार भी इसकी संभावना है।
एनडीए की नजर हर एक वोट पर है। राज्यसभा में 239 और लोकसभा में 542 सांसद हैं, जिससे जीत के लिए 391 वोटों की आवश्यकता है। एनडीए के पास 425 सांसद हैं और अन्य दलों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। वाईएसआरसीपी ने एनडीए का समर्थन करने का फैसला किया है, जिसके राज्यसभा में 7 और लोकसभा में 4 सांसद हैं, जिससे एनडीए के पक्ष में 436 सांसद हो जाते हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल भी एनडीए का समर्थन कर सकती हैं।
बीजेडी ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, जबकि बीआरएस ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है। बीजेडी एनडीए का समर्थन कर सकती है। बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक दिल्ली में हैं, जहां बीजेपी नेताओं के साथ समर्थन पर चर्चा हो सकती है। बीआरएस के राज्यसभा में 4 और बीजेडी के 7 सांसद हैं।
विपक्ष के पास कितने वोट हैं? लोकसभा के 7 निर्दलीय सांसदों में से तीन का वोट कहां जाएगा, यह अभी तय नहीं है। अकाली दल, जेडपीएम और वीओटीटीपी के एक-एक सांसदों को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। विपक्ष के पास 324 वोट हैं, जिससे जीत का अंतर 100 से 125 वोटों के बीच रहने की संभावना है।
2022 के पिछले चुनाव में, जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था। इस बार जीत का अंतर कम रहने की उम्मीद है क्योंकि विपक्ष पहले से मजबूत स्थिति में है।
एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों ही अपने सांसदों को वोटिंग प्रक्रिया की ट्रेनिंग दे रहे हैं और मॉक पोल करा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी वोट अमान्य न हो।