राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में शिक्षा, बाढ़, घुसपैठ और कई अन्य सामाजिक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक के बाद, प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर विभिन्न संगठनों के अनुभव साझा किए गए। भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने और मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया गया।
बैठक में देश की सामाजिक परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई, जिसमें पंजाब में युवाओं में नशे की बढ़ती समस्या पर चिंता व्यक्त की गई और इसके समाधान के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई। पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और नागरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर भी चिंता जताई गई। पूर्वोत्तर राज्यों में घटती हिंसा और विकास की गति को सकारात्मक संकेत माना गया। मणिपुर में शांति प्रयासों की सराहना की गई।
जनजातीय क्षेत्रों में नक्सली और माओवादी हिंसा में कमी पर बात की गई, लेकिन समाज को भ्रमित करने के प्रयासों पर चिंता बनी रही। संघ शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर चर्चा की गई, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्य जैसे विषयों पर कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है। महिला सहभागिता पर जोर देते हुए, महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया गया। घुसपैठ और काशी-मथुरा जैसे मुद्दों पर कानूनी और आपसी बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की बात कही गई। भाषा के मुद्दे पर, प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए और सभी भारतीय भाषाओं को महत्व दिया जाना चाहिए।