महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोलापुर में एक डीएसपी के साथ हुई बातचीत पर उठे विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य कानून-व्यवस्था में हस्तक्षेप करना नहीं था, बल्कि स्थिति को नियंत्रण में रखना था। अजित पवार ने राज्य के पुलिस बल की प्रशंसा की और कहा कि वह पारदर्शी प्रशासन के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह मामला सोलापुर जिले के माढा तालुका के कुर्डू गांव का है, जहां मुरूम (रेत) खनन को लेकर कार्रवाई के दौरान विवाद हुआ था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कार्रवाई के दौरान डीएसपी की सुरक्षा में तैनात बॉडीगार्ड ने बंदूक तान दी थी।
गांववालों ने इस कार्रवाई को गलत बताया और एफआईआर वापस लेने की मांग की है। इस मामले में तहसीलदार का नाम लेकर मंडल अधिकारी द्वारा फोन पर बातचीत करने का भी आरोप है। गांववालों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।